जीवामृत कैसे बनाएं ?

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‘एक प्लास्टिक के बर्तन में ३०० मिली (अनुमान से १ गिलास) पानी, देशी गाय का ३० ग्राम (अनुमान से आधी कटोरी) ताजा गोबर, देशी गाय का ३० मिली (अनुमासे आधी कटोरी) मूत्र (यह कितना भी पुराना हो सकता है), १ चम्मच बेसन, १ चम्मच गुड एवं चिमटीभर मिट्टी का मिश्रण बनाकर सूती कपडे से ढककर रखें । यह मिश्रण ३ दिन सवेरे-शाम लकडी से घडी के कांटे की दिशा में आधा मिनट हिलाएं । चौथे दिन इसमें १० गुना (३ लोटे) पानी मिलाएं । यह पानी में पतला किया हुआ जीवामृत प्रत्येक गमले में लगे पौधों को १ – १ कटोरी, उनकी जडों में डालें । यह पानी मिला हुआ जीवामृत कपडे से छानकर तुषार की बोतलों में (स्प्रेयर में) भरकर इसकी पौधों पर छिडकाव भी करें । प्रत्येक पूर्णिमा एवं अमावास्या, इन तिथियों पर फव्वारा करें । एक बार बनाया हुआ जीवामृत २ – ३ दिनों में उपयोग कर समाप्त करें ।

देशी गाय के केवल ३० ग्राम गोबर से ३ दिनों में ३० गमलों के लिए पर्याप्त इतनी प्राकृतिक खाद बनती है । इससे अधिक सस्ती एवं शीघ्र बननेवाली दूसरी कौन-सी खाद होगी ? १५ दिनों में एक बार ऐसी खाद बनाएं एवं घर के घर ही में भरपूर हरा शाक उगाएं ।’

– श्रीमती राघवी मयूरेश कोनेकर, ढवळी, फोंडा, गोवा. (३०.७.२०२२)
जीवामृत के विषय में विस्तृत जानकारी के लिए भेट दें । मार्गिका :  https://www.sanatan.org/hindi/a/35341.html

1 thought on “जीवामृत कैसे बनाएं ?”

  1. मनुष्य को सात्विक भाव में परिवर्तित करने वाला और कल्याणकारी साहित्य है। ऐसा दिव्य प्रयास करने के लिए आपके भाव को हमारा कोटि-कोटि नमन है।

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