‘कोरोना महामारी के काल में यातायात बंदी थी । उस समय हाट (बाजार) से हरा शाक-तरकारी लाना कितना कठिन हो गया था, इसे प्रत्येक ने ही अनुभव किया होगा । द्रष्टा संतों ने कहा है कि ‘आगे तीसरा महायुद्ध होगा ।’ उस भीषण आपातकाल की तैयारी के लिए प्रत्येक जन अपने घर के समीप हरे शाक एवं औषधीय वनस्पतियों की प्राकृतिक पद्धति से बागवानी करे ।’