छोटे लडके-लडकियों के गले में धागा बांधकर उसे छाती के स्तर तक आए एवं शरीर को स्पर्श हो, इसप्रकार वेखंड का टुकडा मजबूती से बांध कर रखें ।
* उसका आकार इतना हो कि वह आसानी से मुंह में न जाने पाए ।
* ध्यान दें कि कहीं उस टुकडे में फफूंद तो नहीं लगी ।
* यह टुकडा कुछ समय पश्चात नियमितरूप से बदलें ।
छाती, यह कफ का प्रमुख स्थान है । वेखंड समान वनस्पति के स्पर्श से भी काम होता है, इसलिए आयुर्वेद में इसे ‘औषधिधारण’ कहा गया है ।
– वैद्य परीक्षित शेवडे, आयुर्वेद वाचस्पति, डोंबिवली.