हिन्दू धर्म के लिए धधकती ब्राह्मतेज की ज्वाला शांत हो गई ! – सनातन संस्था
द्वारका स्थित शारदापीठ तथा बद्रिकाश्रम के ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी महाराज के देहावसान से हिन्दू धर्म के लिए धधकती ब्राह्मतेजकी ज्वाला शांत हो गई ।
धर्मसम्राट करपात्रीस्वामीजी के सर्वश्रेष्ठ शिष्य बनकर उन्होंने अपना पूरा जीवन हिन्दू धर्म का प्रचार तथा धर्म रक्षा हेतु समर्पित किया । आदि शंकराचार्यजी की परंपरा के चार पीठों में से दो पीठों का शंकराचार्यपद उन्होंने श्रद्धापूर्वक संभाला । विविध हिन्दू एवं आध्यात्मिक संगठनों के लिए वे आधारपुरुष थे ।
वर्ष 2015 में जब कॉमरेड गोविंद पानसरे हत्याकांड में सनातन संस्था पर निराधार आरोप लगाए गए, तब नासिक के कुंभमेले में स्वयं शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी ने प्रसिद्धिमाध्यमों के समक्ष सनातन संस्था को निर्दाेष बतानेवाली भूमिका दृढतापूर्वक रखी । साथ ही समय-समय पर सनातन संस्था के कार्य को अपने शुभ आशीर्वाद देकर आध्यात्मिक बल प्रदान किया । भारत में सर्वश्रेष्ठ माने जानेवाले शंकराचार्य पद पर आरूढ होकर उनके द्वारा किए श्रेष्ठ कार्य को इतिहास में लिखा जाएगा ।
– श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था.
द्वारका एवं ज्योतिष पिठों के शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का देहत्याग!
हिंदुत्व के लिए जलती हुई ब्रह्मतेज की धधगती ज्वाला शांत हो गई। धर्मसम्राट करपात्रीस्वामीजी के शिष्योत्तम बन उन्होंने अपना जीवन हिन्दू धर्म के प्रचार एवं धर्मरक्षा हेतु समर्पित किया।
– @1chetanrajhans pic.twitter.com/UOWPLcvUel— Sanatan Sanstha (@SanatanSanstha) September 11, 2022