मंदिरों के धन का उपयोग धर्मकार्य हेतु ही हो ! – श्री. सतीश कोचरेकर, सनातन संस्था

गिरीश महाजन के वक्तव्य का समाज में बहुत विरोध !

मुंबई : महाराष्ट्र राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने कुछ ही दिन पहले मुख्यमंत्री से मांग की थी कि सरकार श्री साई संस्थानसहित राज्य के दूसरे देवस्थानों का ५० प्रतिशत धन स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने के लिए दे । उनकी इस मांग का अनेक लोग विरोध कर रहे हैं । जय महाराष्ट्र नामक समाचार वाहिनी पर आयोजित चर्चा कार्यक्रम में सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. सतीश कोचरेकर ने कहा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन का उद्देश्य अच्छा है, परंतु श्रद्धालु धार्मिक उद्देश्यों से धन अर्पित करते हैं । इसलिए उनके धन का उपयोग धर्मकार्य के लिए ही होना चाहिए । देवस्थान सामाजिक कार्य के लिए सरकार को कर के रूप में धन देता ही है । यह पैसा भी सरकार को अल्प पडता हो, तो विधायकों का वेतन बढाने की अपेक्षा वह धन रोगियों के हित में लगा सकती है ।

रोगियों की सेवा के लिए धन देने पर, उसमें
भ्रष्टाचार नहीं होगा, इस बात का भरोसा कौन देगा ?

हिन्दू जनजागृति समिति ने पश्‍चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति और पंढरपुर देवस्थान समिति का भ्रष्टाचार उजागर किया है । हिन्दू विधिज्ञ परिषद ने इन भ्रष्टाचारों के विरुद्ध न्यायालय में याचिका भी डाली है । इसी प्रकार, अबतक १ सहस्र ३०० एकड हडप की हुई शासकीय भूमि शासन को पुनः प्राप्त करवाई है । जब सब ओर भ्रष्टाचार हो रहा हो, तब देवस्थानों से और निधि लेने पर, इसका उपयोग रोगियों के लिए ही होगा, इस बातका आश्‍वासन कौन देगा ? (राज्य का विकास करना, शासन का कर्तव्य है । इसके लिए देवस्थान से पैसा क्यों लेना चाहिए ? देवस्थान तो कर के रूप प्रतिवर्ष सरकार को पैसा देता ही है । हिन्दुआें को धार्मिक शिक्षा न मिलने के कारण ही उनके मन में इस प्रकार के अनुचित विचार आते हैं । – संपादक) (१६ अगस्त)

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