नोएडा, देहली, फरीदाबाद शहराें और देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया !

१. कालानुसार ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए योगदान देना,
श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ! – कु. कृतिका खत्री

 

नोएडा – सनातन संस्था की प्रवक्ता कु. कृतिका खत्री ने कहा ‘आज सनातन धर्म की शिक्षा कहीं नहीं दी जा रही है, जिसके कारण आज पति पत्नी के परिवार में संबंध खराब हो रहे हैं । पति, पत्नी पर अत्याचार कर रहा है। पत्नी, पति पर झूठी एफआईआर करवा रही है । अनैतिक संबंध, माता-पिता का वृद्ध आश्रम में होना, बच्चों में नैतिक संस्कार ना होना यह सब आज के समाज में नजर आ रहा है। धर्म लुप्त हो रहा है। व्यक्ति के जीवन में धर्म शिक्षा और धर्म पालन के अभाव में अनेक समस्याओं का निर्माण हो रहा है। इस देश में बहुसंख्यक हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं। इसका समाधान समाज में धर्म शिक्षा का प्रसार है और जिसके साथ भगवान श्रीकृष्ण हैं उनका रक्षण अवश्य होगा। धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु प्रयास हम सभी का कर्त्तव्य है। गुरु-शिष्य परंपरा के बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में जब-जब भी धर्म पर संकट आया है तो गुरु शिष्य परंपरा ने सनातन हिंदू धर्म की रक्षा की है। समर्थ रामदास स्वामी- छत्रपति शिवाजी महाराज, आचार्य चाणक्य-चन्द्रगुप्त इत्यादि अनेक गुरु शिष्य ने धर्म की रक्षा की है । आज का काल युग परिवर्तन का काल है। इसके लिए हमें यह समझने की आवश्यकता है कि धर्म क्या है और उसके अनुरूप ही आचरण करने की आवश्यकता है।’ नोएडा सेक्टर 12 के ईशान म्यूजिक सेंटर में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में वे बोल रही थी ।


महोत्सव के प्रारंभ में श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन किया गया । तत्पश्चात परात्पर गुरुदेव डॉक्टर जयंत आठवले जी द्वारा संकलित और सनातन द्वारा प्रकाशित ‘सीकर्स रिवील यूनिक फेसेटस् ऑफ परात्पर गुरु डॉ. आठवले’ तथा ‘हाऊ टू प्रोग्रेस फास्टर स्पिरिच्युअली थ्रू सत्सेवा ?’ इस अंग्रेजी ग्रंथ का विमोचन सनातन संस्था की संत पूज्य माला कुमार जी द्वारा किया गया ।

 

२. कालानुसार ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए योगदान देना,
श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा !  – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले

 

देहली – ‘आज की शिक्षा व्यवस्था में तो धर्म के लिए स्थान ही नहीं है। इसलिए व्यक्तिगत सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर धर्म का लोप हो रहा है। इस कारण हमें हर जगह मिलावट, भ्रष्टाचार,बलात्कार जैसी अनेक सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हमें स्वयं का योगदान हिंदू राष्ट्र के कार्य के लिए करना होगा। प्रतिदिन एक घंटा- आधा घंटा हमें हिंदू राष्ट्र के लिए देना होगा।

वर्तमान में भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति यह है कि 2021 में विश्व के करप्शन इंडेक्स में भारत 85वे स्थान पर था। राजनीति का अपराधीकरण 109 प्रतिशत बढ़ गया है। जिन सांसदों पर आरोप लगे हैं, क्या वे कानून बना पाएंगे? लव जिहाद, लैंड जिहाद लगातार बढ़ रहा है और सड़क किनारे हर चौराहे पर मजार -मस्जिद बन रही है। इस देश में बहुसंख्यक हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं। इसका समाधान समाज में धर्म शिक्षा का प्रसार है। जिसके साथ भगवान श्रीकृष्ण हैं उनकी रक्षा अवश्य होगी। ऐसा लगता होगा कि यह कोई बहुत बड़ा कार्य है । हमें यह समझना होगा कि हिंदू राष्ट्र का कार्य करते हुए हमें छोटा छोटा योगदान करना होगा। गोवर्धन पर्वत भगवान श्री कृष्ण ने उठाया तो गोप गोपियों  ने अपनी छोटी-छोटी लाठियां गोवर्धन पर्वत पर लगाई थी। इस प्रकार से हमें यही हमारा स्वयं का योगदान हिंदू राष्ट्र के कार्य के लिए करना होगा। प्रतिदिन एक घंटा- आधा घंटा हमें हिंदू राष्ट्र के लिए देना होगा।  हम दिन में 5 बार भगवान को प्रार्थना सकते हैं, हे भगवान, भारत में हिंदू राष्ट्र का निर्माण करें। हम अपनी क्षमता अनुसार यथासंभव योगदान करेंगे। धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु प्रयास हम सभी का कर्त्तव्य है।’ सनातन संस्था द्वारा आयोजित मालवीय नगर, नई दिल्ली के श्री गीता भवन मंदिर में गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे जी बोल रहे थे ।

इस महोत्सव में सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरुदेव डॉक्टर जयंत आठवले जी द्वारा संकलित और सनातन संस्था द्वारा हिंदी भाषा में प्रकाशित ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले जी की गुरु से हुई भेंट एवं उनका गुरु से सीखना’ ग्रंथ का विमोचन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे जी द्वारा किया गया।

 

३. कालानुसार ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए योगदान देना,
श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ! – श्री नरेंद्र सुर्वे

 

फरीदाबाद – ‘सुखस्य मूलं धर्मः।’, अर्थात सुख का मूल धर्माचरण में है । यदि समाज और राष्ट्र को सुचारू रूप से चलाना है तो सभी क्षेत्रों में धर्म की स्थापना आवश्यक है । व्यक्तिगत या सामाजिक जीवन में धर्म का अधिष्ठान आने से वह व्यक्ति नीतिवान बनता है और कुछ भी गलत काम करने से बचता है । इसलिए धर्म का अधिष्ठान हुआ, तो ही धर्माधारित यानि आदर्श समाज का निर्माण हो सकता है । इसलिए राष्ट्र को वास्तविक रूप से उर्जितावस्था प्राप्त करनी हो, तो धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है । उसके लिए प्रत्येक को धर्मशिक्षा लेकर, धर्माचरण कर धर्माधारित समाज का निर्माण और धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए सक्रिय होना चाहिए । कालानुसार हिन्दू राष्ट्र के लिए योगदान देना श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ही है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री नरेंद्र सुर्वे ने इस अवसर पर किया । सनातन संस्था द्वारा फरीदाबाद के रघुनाथ मंदिर, सेक्टर 28 में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में वे बोल रहे थे ।

वक्ता श्री जगदीश चौधरी जी ने भारत में  शिक्षण क्षेत्र की विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि उत्तम शिक्षा पद्धति का पालन केवल हिंदू राष्ट्र के अंतर्गत हो सकता है। आज सर्वांगीण शिक्षा की बात की जाती है,  परंतु अधिकांश लोगों ने सर्वागीण  शिक्षा को ठीक से समझा ही नहीं है ।  यह शिक्षा भौतिक दिशा की ओर ले जाती है जिस में पूर्णता और स्वतंत्रता नहीं है । नौकरी परतंत्रता ही है।  भारतीय शिक्षा पद्धति तो शिक्षा के माध्यम से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने की बात करती है । ‘सा विद्या या विमुक्तए’ । केवल हिंदू राष्ट्र में वर्तमान की शिक्षा की विसंगतियों को दूर करने की सक्षमता होगी ।

इस महोत्सव में सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरुदेव डॉक्टर जयंत आठवले जी द्वारा संकलित और सनातन संस्था द्वारा अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेज् स्पिरिच्युअल वर्कशॉप्स इन 1992’ तथा ‘एफर्टस् एट द स्पिरिच्युअल लेवल फॉर रिमूवल ऑफ पर्सनॅलिटी डिफेक्टस्’ ग्रंथों का विमोचन सनातन संस्था के संत पूज्य संजीव कुमार जी द्वारा किया गया ।

 

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