विश्वयुद्ध, भूकंप इत्यादि आपदाओं का प्रत्यक्षरूप से सामना कैसे करें ? (भाग ९)

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अबतक हमने इस लेखमाला में विविध आपदा एवं उनसे बचाव करने से संबंधित सूत्र देखे । इस लेख में इन सभी आपदाओं के संदर्भ में कुछ सामायिक सूचनाएं हैं । उन्‍हें ध्‍यान में रखकर आपदा से पूर्व कुछ तैयारियां करना संभव होगा ।

 

८. विविध आपदाओं के संदर्भ में सामायिक सूचनाएं

विविध आपदाओं के समय कुछ कृत्‍य करना सामयिक है । इसे ध्‍यान में लेकर यदि प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति द्वारा तैयारी की गई, तो स्‍वयं की, परिवार की तथा पडोसियों की रक्षा हो सकती है, तथा कष्‍ट न्‍यून से न्‍यूनतम हो सकते हैं ।

८ अ. आपातकाल में कैसे आचरण करें, इसका अभ्‍यास करें !

अ. आपातकाल में घर से बाहर कैसे जाएं अथवा घर में ही सुरक्षित स्‍थान पर कैसे रहें तथा प्रथमोपचार कैसे करें, परिवार का प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति इसका प्रशिक्षण लेकर नियमित उसका अभ्‍यास करे ।

आ. आपातकालीन स्‍थिति में परिवारजन के साथ-साथ पडोसियों को भी क्‍या क्‍या करना चाहिए, इस विषय में विचार-विमर्श कर कृति रचना निश्‍चित कर उसका भी अभ्‍यास करके रखें ।

आ. गैस सिलिंडर, मुख्‍य विद्युत प्रवाह, पानी के नल का मुख्‍य बटन आदि बंद करने के विषय में प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति को जानकारी हो ।

इ. ‘आपातकालीन संच’(Emergency Kit) : यह संच झटपट अपने साथ लेकर आप घर के बाहर जा सकते हैं । यह संच रखने का स्‍थान निश्‍चित करें तथा सभी को उसकी जानकारी दें । इसमें

१. बैटरी पर चलनेवाली टॉर्च
२. अतिरिक्‍त बैटरियां
३. बैटरी पर चलनेवाला रेडियो
४. प्रथमोपचार पेटी
५. न्‍यूनतम ३ दिन पर्याप्‍त हो, इतनी सूखी खाद्य सामग्री तथा पीने के लिए पानी
६. जलरोधक पेटी में मोमबत्तियां तथा माचिस
७. छुरी
८. क्‍लोरीन की गोलियां
९. महत्त्वपूर्ण कागदपत्र (राशन कार्ड, आधार कार्ड इ.)
१०. नगद पैसे
११. मोटी डोरी (रस्‍सी)

आपदा के स्‍वरूप तथा अपनी आवश्‍यकताओं के अनुसार इसमें अन्‍य वस्‍तुएं रखें, उदाहरणार्थ स्‍वयं की औषधियां । ये वस्‍तुएं एक बैग में भरकर वह बैग साथ में रहनेवाले परिवार के प्रत्‍येक सदस्‍य को ज्ञात हो, ऐसे स्‍थान पर रखें ।

८ आ. आपातकाल में परिवार से विलग होने पर पुनः मिलने हेतु यह करें !

भूकंप, बाढ आदि के कारण छोटे बच्‍चे घर में अथवा बाहर हों, तो उनके विलग होने की संभावना है । ऐसे समय में क्‍या करना उचित होता है, इस विषय में बच्चों को बताएं । वे संपर्क में कैसे रहेंगे, इसका नियोजन करें । कहां एकत्रित होना है, इसके २ स्‍थान निश्‍चित करें । प्रथम स्‍थान घर के समीप ही हो । दूसरा स्‍थान घर से थोडी दूर हो ।

८ इ. आपातकालीन परिस्‍थिति के लिए अपना वाहन तैयार रखें !

वाहन दुरुस्‍त करनेवालों से स्‍वयं के वाहन की नीचे दी गई वस्‍तुएं जांच करवा लें !

अ. बैटरी तथा इग्‍निशन (गाडी चालू करनेवाली) प्रणाली
आ. ब्रेक
इ. एक्‍जॉस्‍ट सिस्‍टम
ई. ईंधन एवं एयर फिल्‍टर
उ. हीटर एवं वायपर
ऊ. हेड लाईट्‍स तथा चमकता हुआ खतरे का प्रकाश
ए. तेल (ऑईल)
ऐ. पेट्रोल अथवा डीजल टंकी भरकर रखें !
ओ. अच्‍छा टायर लगवा लें !

८ ई. वाहन से यात्रा करते समय ध्‍यान देने योग्‍य सूत्र !

१. ‘यदि गाडी पर विद्युत तार गिरे, तो शॉक लगने का संकट है । प्रशिक्षित व्‍यक्‍ति द्वारा वायर निकालने तक अंदर ही रहें ।
२. आपातकालीन स्‍थिति में वाहन चलाते समय यदि उस पर नियंत्रण रखना कठिन है, तो सुरक्षित स्‍थान पर गाडी रोक कर हैंडब्रेक लगवा लें ।’

८ उ. जागृक रहें !

दूरदर्शन एवं रेडियो के माध्‍यम से भूकंप के संदर्भ में अब तक की जानकारी निरंतर दी जाती है । इस माध्‍यम द्वारा दिए गए समाचार तथा सूचनाओं को ध्‍यानपूर्वक सुनें ।

८ ऊ. सरकारी तंत्रों की सहायता लें !

आपातत्‍कालीन परिस्‍थिति संभालने हेतु सरकार, सैन्‍यदल, पुलिस, राज्‍य सुरक्षा (रिजर्व) दल, रेड क्राॅस, अग्‍निशमन दल युद्धस्‍तर पर कार्य करते हैं । अपने जिले के आपदा व्‍यवस्‍थापन केंद्र की सहायता प्राप्‍त करने हेतु ११२ क्रमांक पर संपर्क करें । इसके साथ ही कुछ स्‍थानों पर स्‍वयंसेवी संगठन भी कार्यरत रहते हैं । आपातकालीन परिस्‍थिति में उनकी सहायता लें !

८ ए. दुष्‍प्रचारों पर विश्‍वास न करें !

आपातकालीन परिस्‍थिति में शांत रहकर कृति करें तथा अन्‍यों को धीरज बंधाएं । दुष्‍प्रचारों पर विश्‍वास न करें ।

८ ऐ. संपत्ति का बीमा करके रखें !

‘जिन्‍हें संभव है, वे अपनी संपत्ति का योग्‍य बीमा करवा लें, जिसमें आपदा अंतर्भूत हो ।’

८ ओ. अन्‍यों की सहायता करें

अ. सहायता करते समय भान महत्त्वपूर्ण है !

यद्यपि लोगों की सहायता के लिए दौडकर जाना, मूलत: यह प्रवृत्ति अच्‍छी है; तब भी समय का भान रखकर तथा हमारे पास कौन सी कुशलता है इसका विचार करने के पश्‍चात ही सहायता के लिए दौडकर जाना उचित है । आपातकाल की परिस्‍थिति में अति उत्‍साह दर्शानेवाले वीरों पर नियंत्रण रखना पडता है ।

आ. प्रथमोपचार

घायल व्‍यक्‍ति को सर्वप्रथम योग्‍य प्रथमोपचार प्रदान करें । व्‍यक्‍ति अधिक बीमार हो, तभी उसे वहां से त्‍वरित योग्‍य स्‍थान पर ले जाएं ।

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