बीजिंग – लेखिका सिल्विया ब्राउन ने १२ वर्ष पूर्व वर्ष २००८ में एक पुस्तक ‘एन्ड ऑफ डेज् : प्रीडिक्शन एंड प्रोफेसीज अबाउट दि एन्ड ऑफ द वर्ल्ड’ लिखी थी, जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘वर्ष २०२० में पूरे विश्व में न्यूमोनिया समान रोग का संसर्ग फैल सकता है । इस रोग का प्रसार जितनी तेजी से होगा, उतनी ही तेजी से वह दूर भी होगा । इसमें महत्त्वपूर्ण बात यह है कि सिल्विया ब्राउन ने पुस्तक में जिस रोग के विषय में कहा है, उसके लक्षण वर्तमान में चीन से पूरे विश्व में फैले ‘कोरोना’ के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं । कोरोना का प्रसार वर्ष २०२० के आरंभ में बहुत तेजी से होने लगा । इसके ४० वर्ष पूर्व वर्ष १९८१ में डीन कोन्टोज की लिखी एक पुस्तक ‘द आयज् ऑफ डार्कनेस’ में ‘वुहान-४००’ नामक विषाणु का उल्लेख है ।
फ्रेंच भविष्यवेत्ता नास्त्रेदमस ने ४६५ वर्ष
पहले किया था ‘कोरोना’ विषाणु संकट के विषय में भविष्यकथन !
ज्योतिषशास्त्र को ढकोसला बतानेवाले तथाकथित पुरो(अधो)गामी, बुद्धिजीवी इस पर क्या कहेंगे ?
फ्रांस में जन्मे फ्रेंच भविष्यवेत्ता नास्त्रेदमस ने कोरोना विषाणु के विषय में भविष्यवाणी की थी । ‘पूरे विश्व में भयानक बाढें आएंगी, आग लगने की बडी-बडी घटनाएं होंगी तथा कोरोना विषाणु का संकट आएगा’, यह ट्वीट एक विदेशी नागरिक मार्को मलाकारा ने किया है । इस ट्वीट में वे आगे लिखते हैं कि २१ वीं शताब्दी में महारोग ने पैर रखा है । यह घटना नास्त्रेदमस की अनेक भविष्यवाणियों में एक है । हम मृत्यु के द्वार के अत्यंत समीप हैं ।