अब कलियुगांतर्गत कलियुग समाप्त होने जा रहा है और सत्ययुग आनेवाला है । अधर्म की परिसीमा लांघनेवाले मनुष्य ने स्वयं ही स्वयं के विनाश का मार्ग रेखांकित कर रखा है । अधर्म का नाश होने हेतु कोई न कोई महाभारत घटित होता ही है । परिवर्तन होने से पूर्व संधिकाल आता है और इस संधिकाल में ईश्वर अवतार धारण कर पाप एवं अधर्म का नाश करते हैं । आगामी भीषण काल और अधर्म के नाश से होनेवाली सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के विषय में विविध संतों एवं भविष्यवक्ताओं द्वारा की गई भविष्यवाणी यहां दे रहे हैं ।
१. ओडिशा के संत अच्युतानंदजी द्वारा
सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के विषय में भविष्यवाणी लिखकर रखना
‘४०० वर्ष पूर्व ओडिशा के संत अच्युतानंदजी ने भविष्य शृंखलाओं की रचना की है । उन्हें श्रीकृष्ण के परमभक्त सुदामा का अवतार माना जाता है । संत अच्युतानंदजी ने उनकी भविष्य शृंखला में कलियुग की समाप्ति की भविष्यवाणी कर रखी है । उसमें उन्होंने ईश्वर के प्रकट होने से पूर्व भारत के अंतिम प्रधानमंत्री के विषय में बताया है । उनके द्वारा बताए गए प्रधानमंत्री के गुण वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेल खाते हैं । अर्थात नरेंद्र मोदी लोकतंत्र प्रधान भारत के अंतिम प्रधानमंत्री होंगे । उसके उपरांत ईश्वर के प्रकटीकरण का आरंभ होगा । समस्त विश्व में सनातन धर्म की पुनर्स्थापना होगी । हम अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि इस काल में हमारा जन्म हुआ है । हमें साक्षात उस सत्पुरुष के (ईश्वर के) दर्शन भी हो पाएंगे ।
२. पद्मपुराण में अधर्म का नाश कर
धर्म की पुनर्स्थापना करनेवाले सत्पुरुष के विषय में भविष्यवाणी होना
पद्मपुराण के छठे खंड के ७१ वें प्रकरण के श्लोक क्रमांक २७९ से २८२ में बताया गया है कि ‘एक सत्पुरुष होंगे, जो अधर्म का नाश करेंगे । वे पृथ्वी पर उत्पन्न बुरी स्थिति में सुधार लाकर धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे । वे समस्त विश्व के एकमात्र शासक होंगे, जिन पर किसी का भी नियंत्रण नहीं होगा अर्थात वे सर्वश्रेष्ठ होंगे । वे समस्त विश्व में धर्म की ध्वजा फहराएंगे ।’
३. फ्रांसीसी भविष्यवक्ता नॉस्ट्रेडैमस
द्वारा ४०० वर्ष पूर्व भीषण काल की भविष्यवाणी की जाना
फ्रांसीसी भविष्यवक्ता माइकल द नॉस्ट्रेडैमस की भविष्यवाणी पर संपूर्ण विश्व के लोग विश्वास करते हैं; क्योंकि उनकी भविष्यवाणी सदैव ही सत्य होती आई है । उन्होंने ‘वर्ष २०२० अत्यंत हिंसक वर्ष होगा । विश्व के बडे-बडे देशों में गृहयुद्ध की स्थिति होगी । वर्ष २०२० में ही शतक का सबसे बडा आर्थिक संकट आएगा । इसी काल में लोग बहुत जागृत होंगे और वे अध्यात्म की ओर मुडेंगे’, यह भविष्यवाणी की है । उनकी यह भविष्यवाणियां उनके ‘सेंचुरीज’ नामक पुस्तक में प्रकाशित हुई हैं । उनकी भविष्यवाणी में ऐसा भी कहा गया है कि ‘इस विश्व के तारणहार जन्म लेंगे । वे जिस देश में जन्म लेंगे, उस देश का नाम एक समुद्र के नाम से संबंधित होगा ।’ हमें यह ज्ञात ही है कि समस्त विश्व में केवल भारत ही ऐसा देश है, जिसका नाम प्राचीन काल से हिन्द महासागर से संबंधित है । नॉस्ट्रेडैमस आगे कहते हैं, ‘जब-जब मैं उस तारणहार को देखता हूं, तब-तब मेरा मस्तक उनके चरणों में झुक जाता है । वह विश्व को ऐसा ज्ञान देंगे, जो विश्व को इससे पूर्व कभी नहीं मिला हो । स्वयं को ज्ञानी और विद्वान माननेवाले सभी लोग उनके सामने नतमस्तक होंगे ।’
(साभार : यू ट्यूब वाहिनी ‘हिन्दी सागर’)
मथुरा के संत तुलसीदासजी द्वारा
भविष्यवाणी कर भीषण आपातकाल के
विषय में लोगों को जागृत करना और शुभ्रवस्त्र धारण
करनेवाले एक व्यक्ति ही इस युगपरिवर्तन का कारण बनने की बात कहना
‘मथुरा के संत तुलसीदासजी ने वर्ष १९७१ से लेकर अगले कई वर्षाें तक उनके ‘शाकाहारी’ नामक नियतकालिक से आनेवाले काल की भविष्यवाणी लिखकर लोगों को जागृत किया । उन्होंने लिखा है कि ‘सत्ययुग एक दिन में नहीं आता । युग परिवर्तन का एक बहुत बडा संक्रमणकाल होता है । जब एक युग समाप्त होकर दूसरा युग आता है, तब इन दो युगों में संघर्ष होता है और विनाश होता है । युग परिवर्तन के समय सर्वत्र हाहा:कार मचेगा । लोग कीडों की भांति मरेंगे । सर्वत्र शवों का अंबार लगेगा और उन्हें उठानेवाला कोई नहीं होगा । खाने के लिए अन्न का एक कण भी नहीं मिलेगा । जाति-जातियों में कलह होगा । समाज में भीषण लडाई होगी । कई छोटे-बडे देश विश्व के मानचित्र से नष्ट हो जाएंगे । अभी तक हमने बाढ, सूखा, भुखमरी और अराजक देखा है; परंतु आगे उससे भी भयावह स्थिति आनेवाली है । ऐसी बीमारियां आएंगी की डॉक्टरों को उनके नाम भी ज्ञात नहीं होंगे । देश-विदेश की सत्ताएं बदलेंगी । छोटे-छोटे राष्ट्रों का भारत में विलय होगा । देश में प्राकृतिक आपदाओं के कारण बडी संख्या में मनुष्यहानि होगी । विश्वयुद्ध होगा । विषाणु बम का प्रयोग किया जाएगा ।
आपको क्या लगता है कि क्या सत्ययुग ऐसे ही शांति से आएगा ? इन भयावह घटनाओं के उपरांत जो मुट्ठीभर लोग बचेंगे, वे सत्ययुग का नया सूर्य उदित होते हुए देखेंगे । शुभ्रवस्त्र धारण किया हुआ एक व्यक्ति इस युग परिवर्तन का कारण बने । आपने शीघ्रातिशीघ्र उस आध्यात्मिक शक्ति से ढाल लिया, तभी जाकर आपकी रक्षा होगी ।’