भारतभर में ५१ गुरुपूर्णिमा महोत्सवों द्वारा श्रीगुरु चरणों में भावपुष्पांजलि अर्पण !
* पू. राजेंद्र शिंदेजी सद्गुरुपद पर विराजमान एवं अन्य ३ साधक बने संत
* भारतभर के ६८ साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त
पनवेल (महाराष्ट्र) – अपार कृतज्ञता के इन भावाश्रुआें की सुमनांजली श्रीगुरु के चरणकमलों पर अर्पित करते हुए साधकजन, हिन्दू धर्माभिमानी और सनातन के हितैषियों ने गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया । भारत में ५१ स्थानों पर और विदेश में २१ स्थानों पर अर्थात देश-विदेश में कुल ७२ स्थानों पर विविध भाषाआें में यह समारोह मनाया गया ।
पनवेल के सनातन आश्रम निवासी सनातन के छठे संत पू. (पूज्य) राजेंद्र शिंदे को सद्गुरुपद पर और महाराष्ट्र स्थित नागोठणे के श्री. अनंत (तात्या) पाटील ६१ वें (आयु ८३ वर्ष), गोवा की श्रीमती सुमन नाईक (आयु ६७ वर्ष) ६२ वें और जोधपुर (राजस्थान) की श्रीमती सुशीला मोदी ६३ वें संतपद पर विराजित कर, भगवान ने साधकों को अनमोल उपहार दिया । पूरे देश में ६८ साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हुए ।
परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी और जीवनाडी में अंतर्भूत सप्तर्षियों के संदेशों का वाचन किया गया ।
गुरुपूर्णिमा अर्थात गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन ! उत्तर भारत में विविध स्थानों पर गुरुपूर्णिमा का आयोजन किया गया । उस संबंधी विशेष जानकारी निम्नानुसार है । –
मोरटक्का (मध्यप्रदेश)
यहां पर श्री सद्गुरु अनंतानंद साईश शैक्षणिक एवं पारमार्थिक सेवा न्यास, इंदौर द्वारा श्री सद्गुरु सेवा सदन, मोरटक्का आश्रम में गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया । गुरुपूर्णिमा के दिन सवेेरे ८ बजे श्री व्यासपूजन और श्री सत्यनारायण पूजन संपन्न हुआ । पूजन के उपरांत प.पू. सद्गुरु श्री अनंतानंद साईश, प.पू. सद्गुरु श्री भक्तराज महाराज व प.पू. सद्गुरु रामानंद महाराजजी की पादुकाआें का पूजन एवं पादुकाआें का दर्शन समारोह संपन्न हुआ । एक सहस्र श्रद्धालुआें ने इस कार्यक्रम का लाभ लिया ।
बुरहानपुर (राजस्थान)
प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का श्रीमती धनकोर कदवाने द्वारा पूजन किया गया । कार्यक्रम के विशेष अतिथि गायत्री परिवार के आचार्य जितेंद्र शुक्लजी ने कहा, हम हिन्दुआें में भेद नहीं होना चाहिए । भगवान ने सूरज-चांद एक ही बनाए हैं, तो हम हिन्दू अलग क्यों हैं ? पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण छोडकर महान हिन्दू संस्कृति का आचरण करना चाहिए (उदा. जन्मदिवस तिथि पर मनाएं ।) उन्होंने अपने अभिप्राय में कहा, सनातन के साधक उच्च स्तर के हैं । आगे जाकर जो हिन्दू राष्ट्र आनेवाला है, वह सनातन के साधकों के दम पर ही आएगा । इस कार्यक्रम का लाभ १७५ जिज्ञासुआें ने लिया ।
जोधपुर (राजस्थान)
यहां संपन्न कार्यक्रम में अधिवक्ता मोतिसिंह राजपुरोहितजी ने बताया कि दाभोलकर, पानसरे एवं कलबुर्गी ने राष्ट्र के लिए क्या किया ? ये लोग नास्तिकता का एजेंडा थोप रहे थे । इसके लिए उन्हें विदेशी संस्थाआें से फंडिग हो रही थी । इनकी हत्या के उपरांत हिन्दू धर्म विरोधी ताकतों ने हिन्दुवादियों के विरोध में बवाल मचाया। न्यायपालिका में इसी नास्तिक विचारधारा के लोग बैठे हैं इसलिए निरपराध साधकों को न्याय नहीं मिल रहा है ।
कार्यक्रम के आयोजन में जनता स्वीट होम के श्री. राजेश अग्रवाल तथा श्री. निर्मल गेहलोत, राजन स्टूडियो, अंश बैटरी के श्री. योगेश सहगल एवं श्री. ललितजी, श्री. अनिल पनवर, श्री. कुलदीप सोनी, श्री. पुखराज प्रजापत इत्यादि मान्यवरों का सहयोग प्राप्त हुआ । इस कार्यक्रम का लाभ ७० जिज्ञासुआें ने लिया ।
जयपुर (राजस्थान)
यहां सोडाला में गुरुपूजन कर गुरुपूर्णिमा मनाई गई । इस समय सनातन पर बंदी का वार; पुनः एक बार यह लघु-चलचित्र (डॉक्युमेंट्री) दिखाया गया । इसका लाभ २५ जिज्ञासुआें ने लिया ।
कतरास (झारखंड)
यहां गुरुपूर्णिमा के अवसर पर रानी बाजार में प्रसारफेरी निकाली गई जिसमें १२५ धर्माभिमानी सहभागी हुए। गुरुपूर्णिमा के दिन धर्माभिमानी डॉ. शिबनारायण सेन ने कहा, अध्यात्म जीवन का सार है ! भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भी अध्यात्म की उत्कृष्टता एवं श्रेष्ठता को सर्वोपरी माना है !
सरस्वती शिशु विद्यालय में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री. सच्चिदानंद सिंहजी ने मार्गदर्शन किया । इसका लाभ कुल १,६५० जिज्ञासुआें ने लिया ।
बिस्टुपुर (जमशेदपुर)
यहां कार्यक्रम में मार्गदर्शन करते हुए अधिवक्ता श्री. विनोद अग्रवालजी ने कहा, धर्म को ही मुख्य बिंदु मानकर, गुरुशिष्य परंपरा के आधार पर ही प्रयास करना होगा ! धर्मप्रेमी श्री. संजय महांतीजी ने गुरुपूर्णिमा के दिन साधकों के भोजन-प्रसाद की व्यवस्था की थी । कार्यक्रम का लाभ १६९ जिज्ञासुआें ने लिया ।
वाराणसी (उत्तरप्रदेश)
गुरु-शिष्य परंपरा का स्मरण और हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के उद्देश्य से गुरुपूर्णिमा महोत्सव के आयोजन के संबंध में पत्रकार परिषद पराडकर भवन, वाराणसी उत्तरप्रदेश में संपन्न हुई ।
यहां गुरुपूर्णिमा के अवसर पर अधिवक्ता श्री. कमलेशचंद्र त्रिपाठीजी ने कहा,अल्पसंख्यक निरंतर हिन्दुआें पर अन्याय कर रहे हैं । उनके संगठन के प्रभाववश राजकीय शक्ति भी हिन्दुआें की नहीं सुनती । हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताआें के साथ अधिवक्ता हो, तो कार्य करना सरल हो जाता है । यही आज हिन्दू अधिवक्ताआें का परम कर्तव्य है । इस कार्यक्रम में २५५ जिज्ञासु उपस्थित थे ।