मानवजाती के लिए मार्गदर्शक एवं अध्यात्म के जिज्ञासुओं में लोकप्रिय होता सनातन संस्था का ‘Sanatan.org’ यह जालस्थल !

महाशिवरात्रि (१.३.२०२२) के दिन सनातन संस्था के जालस्थल (नए प्रारूप) की १०वीं वर्षगांठ के अवसर पर…

परतपार गुरु डॉ. आठवले के आशीर्वाद से वर्ष २०१२ में महाशिवरात्रि के अवसर पर परात्पर गुरु परशराम पांडे महाराजजी के तत्वावधान में ‘Sanatan.org’ इस जालस्थल का शुभारंभ हुआ था ।

१.३.२०२२ को महाशिवरात्रि के दिन सनातन संस्था के जालस्थल की १०वीं वर्षगांठ है । इस अवसर पर जालस्थल के माध्यम से किए गए कार्यों की समीक्षा नीचे दी गई है ।

 

१. वेबसाइट के पाठकों की संख्या लगातार बढना

वेबसाइट पर आनेवाले पाठकों की संख्या प्रतिदिन बढती जा रही है । इस वेबसाइट को विश्व भर के १८० से अधिक देशों के जिज्ञासु देखते हैं । वर्ष २०२१ में ‘Sanatan.org’ का जालस्थल औसतन १ लाख ६५ हजार से अधिक पाठकों ने प्रतिमाह देखा । वर्तमान में यह जालस्थल नौ भाषाओं में उपलब्ध है : मराठी, कन्नड, अंग्रेजी, हिन्दी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, मलयालम और नेपाली ।

 

२. सनातन की वेबसाइट का यूट्यूब चैनल (Youtube channel)

सनातन संस्था के सत्संग https://youtube.com/SanatanSanstha पर ‘अपलोड’ किए जाते हैं । चैनल के वर्तमान में 34,000 से अधिक सदस्य हैं ।

 

३. जिज्ञासुओं को संस्था के कार्य में सहभागी होने की इच्छा !

२७८ जिज्ञासुओं ने सनातन संस्था के कार्य में सहभागी होने की इच्छा व्यक्त की ।

 

४. Sanatan.org द्वारा बनाए गए Android और iOS एप

अ. Sanatan Sanstha Android : https://www.sanatan.org/android

अ १. Sanatan Sanstha iOS : https://www.sanatan.org/ios

आ. Sanatan Chaitanyavani Audio App : https://Sanatan.org/Chaitanyavani

इ. Ritualistic worship (puja) and arti of Shri Ganesh Android : https://www.sanatan.org/ganeshapp

इ १. Ritualistic worship (puja) and arti of Shri Ganesh iOS : https://www.sanatan.org/iosganeshapp

ई. Shraddh Rituals App Android : https://www.sanatan.org/shraddh-app

उ. Survival Guide App Android : https://www.sanatan.org/survival-guide-app

 

सनातन संस्था की ओर से ‘साधना संवाद’ नामक एक ऑनलाइन सत्संग प्रति सप्ताह ४ भाषाओं मराठी, हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड में आयोजित किया जाता है । जो लोग रुचि रखते हैं वे सत्संग में जुड सकते हैं और साधना के बारे में अपनी शंकाएं दूर कर साधना में आगे का मार्गदर्शन पा सकते हैं । http://events.sanatan.org/
इस जालस्थल के ‘ऑनलाइन दान’ की सुविधा के कारण अनेक पाठकों ने इस आध्यात्मिक कार्य में सहभाग लिया । आप भी इस सुविधा के माध्यम से दान कर अपना धर्मपुण्य बढा सकते हैं । धर्मदान हेतु लिंकhttps://www.sanatan.org/en/donate

 

५. सनातन संस्था के जालस्थल एवं अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटों के लिंक

१. जालस्थल www.sanatan.org
२. टेलिग्राम https://t.me/SanatanSanstha
https://t.me/SSMarathi
https://t.me/SSGujarati
https://t.me/DharmaGranth
https://t.me/Telugu_SS
https://t.me/SS_Tamil
https://t.me/SSMalayalam
https://t.me/SSNepali
३. ट्विटर www.twitter.com/sanatansanstha
४. पिंटरेस्ट www.pinterest.com/sanatansanstha
५. यू ट्युब www.youtube.com/sanatansanstha

५ अ. सनातन संस्था की वेबसाइट का ‘लिंक’ दूसरों तक भेजें और उनके जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाएं !

पूरे विश्व को आध्यात्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन की सख्त जरूरत है। परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा और उनके अमूल्य मार्गदर्शन से सनातन संस्था अध्यात्म के ज्ञान को जिज्ञासु लोगों तक पूरी दुनिया में फैला सकती है। यदि आपको सनातन संस्था की वेबसाइट पर लेख पढ़ने से लाभ हुआ है, तो अपने परिचितों और परिवार को इस वेबसाइट के साथ-साथ सोशल नेटवर्किंग साइटों का ‘लिंक’ भेजना सुनिश्चित करें। ईश्वरचरणी प्रार्थना करते हैं, “ज्ञान का यह प्रकाश उन सभी तक पहुंचे जो इस आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में हैं।”

 

पाठकों और शुभचिंतकों से अनुरोध !

जो लोग ‘टेलीग्राम’, ‘ट्विटर’ जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स के साथ-साथ अन्य जालस्थलों के माध्यम से ‘Sanatan.org’ के अध्यात्मप्रसार के कार्य में सहभागी होना चाहते हैं, वे हमसे [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं ।

 

पाठकों के अभिप्राय

१. श्री. दीपक गर्ग –

बहुत अच्‍छी जानकारी है । इस जानकारी को संक्षिप्‍त रूप में व्‍हाट्‌सएप पर भी छोटे-छोटे लेखों के द्वारा शेयर करना बहुत अच्‍छी एप्‍लीकेशन बनाई हैं । बनानेवाले को धन्‍यवाद । भारत माता की जय |

२. दीप्‍ती सी. –

(श्राद्धविधि एप (Shraddha rituals app) पर आया अभिप्राय)

कोरोना महामारी में श्राद्ध कैसे करें ? इस विषय मे शात्रोक्‍त जानकरी मिली । इसके लिए मनःपूर्वक आभार, तथा पितृदोष के लक्षण, कारण एवं उपाय की जानकारी भी अत्‍यंत उपयुक्‍त रही है । समाज मे श्राद्ध के विषय में जो अपप्रचार हो रहा है उसके लिए भी वैज्ञानिक उत्तर मिले । यह अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण एप है । सभी जन इसे डाऊनलोड करके इसमे बताई कृति करेंगे तो उन्‍हें भी अवश्‍य लाभ ही होगा ।

३. श्री. गुरु चकर –

सनातन संस्‍था का एप बहुत अच्‍छा है । इसमें बताए गए विषय पढकर कृति में लाने से आध्‍यात्‍मिक उन्‍नति होना निश्‍चित है ।

४. दिलीप कुमार सिंह –

‘सदैव निरोगी रहने के लिए नारियल तेल का उपयोग करें !’ यह लेख पढकर दिया गया अभिप्राय – आप द्वारा दिए गए नारियल के तेल, गुड के बारे में बताया गया जो हमें बहुत अच्‍छा लगा भविष्‍य में इसे लोगों को आचरण में लाना चाहिए । ऐसा करने से शरीर स्‍वस्‍थ सुंदर दिखता है एवं निरोगी रहता है । हमारा सुझाव है की सभी लोग इसे आचरण में लाएं । धन्‍यवाद ।

५. अरूणा परमार –

मैं अरूणा परमार, आभार व्यक्त करती हूं । मुझे ये लेख बहुत ही पसंद आया । और इसे पढकर मुझे बहुत ही पॉझीटीव अनुभूति हुई । मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हुआ । बहुत बहुत धन्यवाद सनातन संस्था को मेरी ओर से ।

४. राम –

‘आपातकाल में जीवनरक्षा हेतु आवश्‍यक पूर्वतैयारी : भाग १’ पढकर दिया गया अभिप्राय – अति सुन्‍दर । दूर दृष्‍टि से परिपूर्ण वह परिपक्‍व योजनाएं । बहुत ही सुन्‍दर उपयोगी कार्य । बहुत बहुत धन्‍यवाद व आभार ।

५. स्‍मिता वैद्य –

‘श्रीक्षेत्र राक्षसभुवन का आदि दत्तपीठ : वरद दत्तात्रेय मंदिर !’ लेख पढकर दिया गया अभिप्राय – बहुत ही सुन्‍दर, सराहनीय रचना तथा ज्ञानवर्धक लेख । राक्षसभुवन जैसे प्राचीन संस्‍थानों के बारे में जानना एवं उनके अनुभवों से परिचित होना आज की आवश्‍यकता है ।

६. वैभव धर

आदरणीय सनातन संस्‍था अधिकारीगण,
नमस्‍कार,
समस्‍त हिन्‍दू पर्वों एवं उत्‍सवों के उपलक्ष्य पर आपके द्वारा प्रसारित चलच्‍चित्र कार्यक्रमों में आप सविस्‍तार शास्त्रोक्‍त विधि, पर्व का शास्‍त्राधार, उत्‍सव का पौराणिक तथा तात्‍कालिक इतिहास तथा अन्‍य महत्त्वपूर्ण उपयोगी सूत्र साझा करते हैं । इन कार्यक्रमों से न केवल यथार्थ उत्‍सव बोध होता है, अपितु सम्‍यक् शास्‍त्रीय प्रसंग तथा पुराण कथा तथा क्षेत्रीय लोकाचार व रीति का भी ज्ञान होता है । तत्‍सम्‍बन्‍धी शंका अथवा द्विविधा का समाधान भी, प्रशोत्तरी के माध्‍यम से, आप अत्‍यंत सरलता से करते हैं । इस प्रकार हिन्‍दू जन में धर्मजागरण तथा सम्‍यक् शास्‍त्राधार का बोध कराना अत्‍यंत स्‍तुत्‍य एवं सराहनीय प्रकल्‍प है । मैं नियमिततः आपके कार्यक्रमों से लाभान्‍वित होता रहता हूँ ।
पुनश्‍च आभार
वैभव

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