समाजद्रोही एवं धर्मद्रोही निर्णय तत्काल पीछे लें ! – सनातन संस्था की मांग
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही निर्णय लिया है कि सुपर मार्केट और किराना दुकानों मेें वाइन का विक्रय कर सकते हैं । इस समाजघाती निर्णय की सनातन संस्था सार्वजनिक रूप से निंदा करती है । संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम आदि सैकडों संतों के पदस्पर्श से पावन हुई एवं छत्रपति शिवाजी महाराज, धर्मवीर संभाजी महाराज और हजारों मावलों के पराक्रम से पुनीत हुई भूमि को यदि मद्यपियों की भूमि कहा गया, तो उसका पाप सरकार को लगेगा । सुसंस्कृत महाराष्ट्र को कालिख पोतने का यह निर्णय तत्काल निरस्त किया जाए, ऐसी मांग सनातन संस्था ने की है ।
पंजाब की युवापीढी पूर्णतः व्यसनाधीन हो गई है, उस पर उडता पंजाब जैसा चलचित्र भी बना है । इस वास्तविकता को देखते हुए महाराष्ट्र को सतर्क होकर राज्य को मद्यमुक्त, व्यसनमुक्त बनाने हेतु सरकार को कदम उठाने चाहिए; परंतु यहां वाइन सहजता से उपलब्ध करवाकर मद्य पीने हेतु आप प्रोत्साहित कर रहे हैं । पहले ही राज्य की महिलाएं एवं बालक मद्यपी पति एवं पिता के अत्याचारों से पीडित हैं । इस निर्णय के कारण इन अत्याचारों में वृद्धि होकर उसका पाप सरकार को ही लगेगा । अथर्ववेद, महाभारत, मनुस्मृति आदि अनेक धर्मग्रंथों में मद्यपान को महापाप कहा गया है । उसे प्रोत्साहित करना भी महापाप ही सिद्ध होगा । इस कारण सरकार यह समाजद्रोही और धर्मद्रोही निर्णय तत्काल पीछे ले, ऐसा संस्था ने कहा है ।
– श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था,