आजकल साधकों को अपनी वास्तु बेचते समय अनेक अडचनें आ रही हैं’, ऐसे अनेक साधकों के उदाहरणों से ध्यान में आया है । भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना की कि वास्तु का क्रय होने में आनेवाली अडचनें दूर होने के लिए कुछ उपाय सुझाएं ।’ भगवान श्रीकृष्ण ने वास्तु-विक्री की कुछ अडचनों को दूर होने हेतु ‘वास्तु-विक्री यंत्र’ सुझाया । यंत्र के (३ x ३ इंच आकार के) चित्र साथ दिए हैं । एक कोरे कागद पर वास्तु-विक्री यंत्र की (चित्र की) रंगीन संगणकीय प्रत (प्रिंट) निकालें । यह यंत्र वास्तु की वायव्य दिशा की भीत (दीवार) पर लगभग ५ फुट की ऊंचाई पर लगाएं । (वायव्य दिशा में शौचालय आ रहा हो तो वह भाग छोडकर यंत्र पास की भीत पर लगाएं ।) यह उपाय पंचांग में शुभ दिन देखकर आरंभ करें । यंत्र लगाने के उपरांत उसे प्रतिदिन उदबत्ती (अगरबत्ती) घुमाकर आगे दी गई प्रार्थना करें, ‘वास्तु-विक्री की सभी अडचनें दूर होकर वास्तु की शीघ्र से शीघ्र विक्री होने दें ।’ वास्तु की विक्री (विक्रय) होने के उपरांत यह यंत्र कृतज्ञता व्यक्त कर अग्निसमर्पण करें ।’
– श्री. धनंजय कर्वे (१.२.२०२१)