हिन्दू राष्ट्र में बांध नहीं होंगे, अपितु तालाब निर्माण किए जाएंगे !
( प्रतिकात्मक चित्र )
न्यूयॉर्क (अमेरिका) – विश्व के ५८ सहस्र ७०० बडे बांधों में से अनेक बांधों का निर्माण वर्ष १९३० से १९७०, इस काल में हुआ था । इनका निर्माण करते समय उनकी कालमर्यादा ५० से १०० वर्ष निश्चित की गई थी । किसी भी बांध को ५० वर्ष बीत जाने पर उससे संभाव्य संकट बढ जाता है । बांध टूटना, दुरुस्ती (मरम्मत) और देखभाल के लिए लागत बढते जाना, मिट्टी जमा होने की मात्रा बढना, प्रणाली में तांत्रिक बिगाड होना इत्यादि प्रकार होते हैं । वर्ष २०५० तक विश्व के बहुसंख्य लोग ऐसे पुराने बांधों के प्रभावक्षेत्र में रहेंगे, ऐसी जानकारी संयुक्त राष्ट्र के ब्योरे में दी गई है । यह ब्योरा फ्रान्स, कैनडा, भारत, जापान, जाम्बिया, जिम्बावे आदि देशों के बांधों का सर्वेक्षण कर दिया गया है ।
Most of the world’s 58,700 biggest dams are crumbling and could release enough water to fill the Grand Canyon TWICE, report warns https://t.co/Hg0lZkfnRW
— Daily Mail Online (@MailOnline) January 23, 2021
संयुक्त राष्ट्र के विद्यापीठों के अंतर्गत आनेवाली कैनडा में ‘जल, पर्यावरण और आरोग्य संस्था’ द्वारा ‘कालबाह्य हो रहा जलसंग्रह : नया धोखा’ इस नाम से यह ब्यौरा तैयार किया गया है । इस ब्यौरे के अनुसार अनेक बांधों की कालमर्यादा पहले ही समाप्त हो चुकी है अथवा आगामी कुछ समय में समाप्त होनेवाला है ।
इस ब्यौरे के अनुसार,
१. भारत के बडे बांधों में से १ सहस्र ११५ बांध वर्ष २०२५ में साधारणत: ५० वर्षाें के हो जाएंगे । ये और जगत के ऐसे अनेक पुराने बांध धोकादायक हो सकते हैं ।
२. जगभर के बडे बांधों में ७ सहस्र से ८ सहस्र ३०० घन किलोमीटर पानी संग्रह (इतना कि वह कैनडा की ८० प्रतिशत भूमि व्याप ले) है । ९३ प्रतिशत बडे बांध केवल २५ देशों में हैं ।
३. ३२ सहस्र ७१६ बडे बांधाें में से (कुल बांधों में से ५५ प्रतिशत) बांध चीन, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया में हैं ।
भारत के बांध
https://affairscloud.com/un-university-releases-report-on-ageing-dams-in-the-world/
१. वर्ष २०२५ पर्यंत १ सहस्र ११५ बडे बांध ५० वर्ष के हो जाएंगे ।
२. वर्ष २०५० पर्यंत ४ सहस्र २५० बडे बांध ५० वर्षाें से भी अधक आयु के, तो ६४ बांध १५० वर्ष के हो जाएंगे ।
३. केरल में १०० वर्ष पुराने मुल्लपेरियार बांध के टूटने पर ३५ लाख लोगों का जीवन संकट में पड सकता है ।