मुंबई जैसे समुद्र किनारे लगने वाले शहरों को खतरा !
बर्फ का टुकडा १७० किलोमीटर लंबा और २५ किलोमीटर चौडा है !
कोरोना, चक्रवाती तूफान और हिमनग पिघलने से समुद्र के स्तर में बढोतरी हुई है, ये सभी
आपातकाल के लक्षण हैं । ऐसे भीषण आपातकाल का हम सामना कर सकें , इसलिए अब तो साधना करें !
अँटार्क्टिका – अटार्क्टिका से स्पेन के माजोर बंदरगाह तक बर्फ का एक विशाल टुकडा पानी में गिरा है । उपग्रह और हवाई जहाज द्वारा लिए छायाचित्र में यह दृश्य दिखाई दिया । यह विश्व का अबतक का सबसे महाकाय बर्फ का टुकडा है, ऐसा बताया जा रहा है । पिछले वर्ष भी अँटार्क्टिका में बर्फ का एक बडा टुकडा पिघल गया था ।
The world's largest iceberg has calved from Antarctica over the past few days, a giant floating piece of ice close to 80 times the size of Manhattan https://t.co/0v7TmFsBp8
— CNN (@CNN) May 20, 2021
१. ‘युरोपियन स्पेस एजेंसी’ के अनुसार यह हिमनग अँटार्क्टिका के रॉनी आईस शेल्फ के पश्चिम की ओर से टूटकर वह वेडेल समुद्र में तैर रहा है । यह बर्फ का टुकडा १७० किलोमीटर लंबा और २५ किलोमीटर चौडा है ।
२. कुछ के अनुसार यह विश्व का तापमान बढने के खतरे का चिन्ह है । विश्व का तापमान बढते रहने से और समुद्र का स्तर सतत बढने से खतरा निर्माण हुआ है । पानी के स्तर में हुई बढोतरी के कारण मुंबई जैसे समुद्र के किनारे के शहरों के पानी के नीचे जाने का खतरा निर्माण हुआ है ।
३. अँटार्क्टिका में तापमान बढने के कारण बर्फ की चादरें भी धीमे धीमे पिघलने लगी हैं । हिम नदियां भी पिघलने की शुरूआत हुई है । इस कारण पानी के स्तर में तेजी से बढत हो रही है ।
४. वर्ष १८८० से अबतक समुद्र का जल स्तर बढा है । यह बढत लगभग ९ इंच होने का वैज्ञानिकों का मत है । इसके पीछे का कारण ‘ग्रीनलैंड और अँटार्क्टिका की पिघली बर्फ’, है ।
५. ‘नेचर मैगजीन’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार विश्व के अन्य स्थानों के हिमनग तेजी से पिघल रहे हैं । इन सभी परिस्थिति को देखते हुए वैज्ञानिकों का ऐसा कहना है कि, इसी प्रकार से यदि हिमनग पिघलते रहेंगे, तो सभी समुद्र किनारे के शहर पानी के नीचे जाकर नष्ट हो सकते हैं ।