‘कोरोना’ का बढता प्रादुर्भाव ध्‍यान में रख ग्रीष्‍म ऋतु में आयुर्वेद की दृष्‍टि से प्रतिबंधात्‍मक उपाय और पूर्वतैयारी

१. प्रतिदिन रात को सोते समय सभी १ चम्‍मच मेथी के दाने पानी के साथ गोली जैसे निगलते हैं, वैसे निगलें ।

२. ज्‍वर हो तो हलके आहार के रूप में खीलों का आटा या शक्‍कर लाही का आटा एवं शक्‍कर (पानी के साथ), दलहन (अनाज जिसकी दालें बनती हों जैसे साबुत मूंग, चना, मटर) का सूप एवं सादी दाल दें ।

३. जिनमें कोरोना रोग के लक्षण पाए गए हैं एवं जो न्‍यूमोनिया या थकान आदि के लक्षणों के कारण अस्‍पताल में भरती हैं, ऐसों के लिए सुवर्ण मालिनी वसंत की २० गोलियां खरीद लें । पहले ५ दिन या बुखार एवं थकान जाने तक प्रतिदिन १ – १ गोली सवेरे-शाम लें । तदुपरांत अगले १० दिन प्रतिदिन १ गोली सवेरे लें । इस गोली से कोरोना में लाभ होता है । जिन्‍हें थकान या न्‍यूमोनिया हो गया हो, तो उसके लक्षण शीघ्र कम होने में इससे सहायता होगी; परंतु मूत्रपिंड से संबंधित रोग हों तो ऊपर दी गई गोली लेने से पूर्व वैद्यों से परामर्श लें ।

४. जिन्‍हें बुखार या थकान है; परंतु जांच के अनुसार जिन्‍हें ‘कोरोना का संसर्ग नहीं’, ऐसे लोग सुवर्ण मालिनी वसंत की १ गोली ५ से १० दिन सवेरे लें । इससे रोग प्रतिरोधक शक्‍ति बढती है ।

५. सुवर्ण मालिनी वसंत गोलियां बहुत मंहगी होती हैं । इसलिए वे आवश्‍यक हों (कोरोना संबंधी लक्षण होने पर ही) लें । स्‍वास्‍थ्‍य ठीक न हो, तो ये गोलियां लेने की आवश्‍यकता नहीं ।

६. ये गोलियां जिस कंपनी की सबसे सस्‍ती मिलती हैं, वे लें । सभी की गुणवत्ता एकसमान ही होती है । कंपनी के नाम के अनुसार पैसे कम-अधिक होते हैं ।

७. सुवर्ण मालिनी वसंत को ही सुवर्ण वसंत (बसंत) मालती अथवा स्‍वर्ण वसंत मालती भी कहते हैं ।

८. सभी प्रतिदिन दिन में ५ – ५ मिनट ऐसे तीन बार दीर्घ श्‍वास लें । श्‍वास लेते समय अधिकाधिक हवा फेफडों में खींचें । यह हवा हो सके उतनी अंदर ही रोककर रखें (अर्थात कुंभक करें) तदनंतर उसे धीरे-धीरे छोडें । ऐसा करने से फेफडों की क्षमता बढती है । कोरोना में फेफडों की गाढे होने की संभावना रहती है । ऐसा करने से वह संभावना न्‍यून होती है ।

९. संभव हो तो पल्‍स ऑक्सिमीटर’ (pulse oxymeter) खरीद लें एवं कोरोना संबंधी लक्षण हों, तो नियमित प्राणवायु का स्‍तर (oxygen level) जांच लें । प्राणवायु का स्‍तर ९४ से अल्‍प हो, तो वैद्य का परामर्श लें ।

१०. आजकल धूप बहुत तीव्र होने से उबालकर ठंडा किया पानी भरपूर मात्रा में पीएं; परंतु फ्रिज का पानी न पीएं ।

११. भूख की मात्रा में ही भोजन करें । अति भोजन न करें ।

– वैद्य मेघराज पराडकर

सूचना : नागरिकों को अपनी वात-पित्त-कफ प्रकृति, अपने प्रदेश का भौगोलिक हवामान तथा बीमारी की तीव्रता को ध्‍यान में लेकर वैद्य के मार्गदर्शन के अनुसार ही औषधि लेनी चाहिए ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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