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भारत में आपातकाल प्रारंभ हो गया है और यह धीरे-धीरे हर दिन अपने उग्र रूप दिखा रहा है । जोशी मठ में ग्लेशियर का अचानक गिरना और बाढ जैसी स्थिति निर्माण होना आपातकाल का द्योतक है । यदि इस तरह की घटनाएं लगातार होती हैं, तो संपूर्ण गंगा किनारे बसे क्षेत्र को भारी क्षति पहुंचे तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं ।
जोशी मठ (उत्तराखंड) – सुबह, लगभग १० बजे, हिमालय क्षेत्र में एक हिम ग्लेशियर टूट कर गिरने से बाढ जैसी स्थिति के कारण धौली गंगा नदी पर एक निर्माणाधीन बिजली परियोजना बह गई है । तपोवन क्षेत्र में एक पनबिजली परियोजना में कार्यरत १५० से अधिक कर्मचारी लापता हो गए हैं एवं नदी के दो पुल पानी में बह गए हैं । मलारी को सीमा से जोडने वाला पुल बह गया है । यह पुल भारतीय सेना को देश की सीमा तक जाने में सहायता करता है । पुल के बह जाने के कारण सेना ने २०० आई.टी.बी.पी. के जवानों को जोशी मठ भेजा और एक अन्य दल को भी घटनास्थल पर भेजा है । पुल पुन: बनाने के लिए सैनिकों को भी भेजा गया है । इन सभी स्थितियों की निगरानी गृह मंत्रालय द्वारा की जा रही है । नदी के इस प्रवाह के कारण उत्तर प्रदेश के गंगा के तट पर बसे कानपुर शहर तक सतर्कता की चेतावनी जारी की गई है ; किंतु इसका असर चमोली तक ही अनुभव किया गया । घटना के बाद, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं । बचाव अभियान जारी है । कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक घटनास्थल पर गए थे । राष्ट्रीय आपदा निवारण बल के सैनिक सहायता कर रहे हैं और कई लोगों को खतरनाक स्थानों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है । प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, घटना पर निरंतर ध्यान दे रहे हैं और बचाव कार्यों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को निर्देश दिए गए हैं । वे स्थिति की निगरानी कर रहे हैं ।
१. हिमस्खलन चमोली जिले के रेणी नामक स्थान में जोशी मठ क्षेत्र में हुआ है । परिणामस्वरूप, बडी मात्रा में पानी नदी के बांध में आ गया । इस प्रवाह ने धौली गंगा नदी पर ऋषि गंगा पॉवर परियोजना को बहुत नुकसान पहुंचाया है । इस बांध की दीवार के टूटने से धौली गंगा नदी का जल बहुत अधिक बढ गया । बाढ ने नदी के किनारे बने घरों को तबाह कर दिया, जिससे कई लोग लापता हो गए हैं ।
#WATCH | Water level in Dhauliganga river rises suddenly following avalanche near a power project at Raini village in Tapovan area of Chamoli district. #Uttarakhand pic.twitter.com/syiokujhns
— ANI (@ANI) February 7, 2021
२. प्रशासन ने ऋषि गंगा नदी के साथ अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले नागरिकों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है । अलकनंदा क्षेत्र में फंसे नागरिकों को भी निकाल लिया गया है ।
100-150 casualties feared in the flash flood in Chamoli district: Uttarakhand Chief Secretary OM Prakash to ANI pic.twitter.com/JoR76lWEAb
— ANI (@ANI) February 7, 2021
३. अलकनंदा नदी में बाढ न आए, इसलिए एहतियात के तौर पर भागीरथी नदी का प्रवाह बंद किया गया है ; मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा । रावत भी घटनास्थल पर त्वरित पहुंचे हैं ।