उत्तर कन्नड जिले के होन्नावर तहसील के इडगुंजी नामक गांव में श्री महागणपति मंदिर है । उस मंदिर का इतिहास यहां जान लेते हैं ।
१. कलियुग के दोष नष्ट करने के लिए ऋषिगणों का कुंजवन में तपस्या करना
द्वापरयुग के अंत में ऋषिगण कलियुग के आगमन के विषय में चिंताग्रस्त थे । वालखिल्य ऋषि ने अन्य ऋषियों के साथ भगवान श्रीकृष्ण से कलियुग के दोषों का नाश करने की प्रार्थना की, साथ ही महान तपस्या करने लगे । उस समय उनकी तपस्या में विविध बाधाएं आने लगीं । ऋषियों ने अपनी तपस्या में आनेवाली बाधाएं नारदमुनिको बताईं । इसपर महर्षि नारद ने ऋषियों को विघ्नेश्वर की उपासना करने के लिए बताया । वालखिल्य ऋषि ने नारदजी को विघ्नेश्वर की उपासना करने के लिए योग्य स्थान दिखाने की विनती की । तब शरावती की बाईं ओर कुछ मील की दूरी पर महर्षि नारद ने एक स्थान निश्चित किया । उस स्थान का नाम ‘कुंजवन’ रखा गया । महर्षि नारद ने उस स्थान का महत्त्व बताते हुए कहा कि ‘पृथ्वी नष्ट करने के लिए तपस्या करनेवाले असुरों का संहार करने के लिए यहां पवित्र त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश भी प्रकट हुए थे । त्रिमूर्ति ने वहां आध्यात्मिक ऊर्जावाले ‘चक्रतीर्थ’ और ‘ब्रह्मतीर्थ’ नाम से पहचाने जानेवाले कुंड भी बनाए थे ।
२. ऋषियों की तपस्या की बाधाएं दूर करने के लिए श्री गणेश का कुंजवन में वास्तव्य करना
नारदजी ने वहां ऋषियों की सहायता से ‘देवीतीर्थ’ नामक और एक तालाब बनाया । महर्षि नारदने श्री गणेश को कुंजवन में भेजने की पार्वतीमाता से विनती की । महर्षि नारद और ऋषिगणों की प्रार्थना के उपरांत श्री गणेश वहां प्रकट हुए । ऋषियों की प्रार्थना से प्रसन्न होकर, सभी ऋषियों की उपासना की बाधाएं दूर होने के लिए श्री गणेश ने वहीं वास्तव्य किया । वहां और एक कुंड बनाया गया । वह अब ‘गणेशतीर्थ’ के नाम से प्रसिद्ध है । यही स्थान अब इडगुंजी के नाम से प्रसिद्ध है । यहांं चौथी अथवा पांचवीं शताब्दी में श्रद्धालुओं ने श्री गणेश मंदिर का निर्माण किया ।
३. खडी द्विभुजावाली श्री गणेशमूर्ति !
इडगुंजी मंदिर की मुख्य मूर्ति भी चौथी अथवा पांचवीं शताब्दी की है । यह द्विभुजा श्री गणेशमूर्ति पाषाण पर खडी है । श्री गणेश के दाहिने हाथ में कमल है और दूसरे हाथ में मोदक है । सामान्यतः श्री गणेश का वाहन मूषक (चूहा) प्रत्येक मूर्ति और प्रतिमा में दिखाई देता ही है; किंतु यहां मूषक की प्रतिमा नहीं है । यह मूर्ति ३३ इंच लंबी और २३ इंच चौडी है ।