समाज यदि सात्त्विक बने तो समाज में अंतर्गत तनाव दूर होना संभव है । हम कितना भी प्रयास करें पर अन्यों के कर्म तथा मानसिकता में बदलाव करना हमारे लिए संभव नहीं होता है । इस कारण ही रामराज्य जैसे हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी आवश्यक है । यह कैसे होगा ? राष्ट्र का निर्माण व्यक्तियों से बनता है, इसलिए यहां के प्रत्येक व्यक्ति की विचारशैली बाल्यकालसे राष्ट्राभिमुख होनी चाहिए, तभी राष्ट्र की स्थिति में सुधार संभव होगा । इसके लिए कार्यक्षमता, लगन, प्रामाणिकता, राष्ट्रप्रेम व धर्मनिष्ठा आदि गुणों से संपन्न नागरिक निर्माण होना आवश्यक है । इस दृष्टि से हम कुछ प्रयास कर सकते हैं ।
१ बच्चे : हमें अपने बच्चों के सामने परीक्षा में अधिक गुण प्राप्त करने का आदर्श न रखकर, आज वे जो सीख रहे हैं, उसका आगे चलकर राष्ट्र की प्रगति के लिए क्या उपयोग है, इस दृष्टिकोण से प्रतिदिन नियोजनबद्ध संस्कार करना होगा । इसके साथ-साथ उनके मन में दैनंदिन साधना व धर्माभिमान के संस्कार भी निर्माण करने होंगे ।
२. गृहिणी : गृहिणी प्राप्त उत्पन्न में घर का खर्च और घर की देखभाल इत्यादि कुशलतापूर्वक व संतोषपूर्ण वृत्ति से कर, अपने बच्चों पर राष्ट्रप्रेम व धर्म के विषय में योग्य संस्कार कर सकती है ।
३. नौकरी करनेवाले : हममें से जो बैंक, बीमा क्षेत्र, सरकारी कार्यालय इत्यादि जगहों में काम करते हैं, उन्हें अपने कार्यस्थल समय पर पहुंचने, पूर्णसमय प्रामाणिकता से कार्यपालन, उनके पास आनेवालों से औपचारिक व्यवहार करने व उनके कार्य विहित पद्धति से समय पर करने का निश्चय करना चाहिए ।
४. व्यावसायिक : जो उद्योग-व्यवसाय में लगे हैं, वे अपना व्यवसाय प्रामाणिकता से व राष्ट्र के विकास की दृष्टि से करें ।
५. श्रमजीवी : श्रमजीवियों को अपने राष्ट्र का उत्कर्ष ध्यान में रखकर अपना काम करना चाहिए ।
‘अपने राष्ट्र के लिए मैं क्या कर सकता हूं’, ऐसे विचार करनेवाले नागरिक जहां होते हैं, वे राष्ट्र उत्तरोत्तर उन्नति करते हैं, परंतु हमारे यहां राष्ट्र का दोहन कर (हानि कर) अपना स्वार्थ सिद्ध करने की वृत्ति ही सब ओर दिखाई देती है । हमें यह बदलना है । इसकी शुरुआत आइए हम अपने से ही करें । धीरे-धीरे हम बदलेंगे, फिर हमारा कुटुंब बदलेगा, फिर हमारे आसपास का समाज बदलेगा । उसके लिए साधना मार्ग को कल नहीं आज, आज नहीं अभी अपनाएं । जीवन में ‘कल’ कभी नहीं आता । संपूर्ण तनावमुक्त जीवन का यही रहस्य है । ईश्वर ऐसा करने की योग्य प्रेरणा हम सबको प्रदान करे, यह प्रार्थना करते हैं ।