- शिक्षकों के लिए ‘ऑनलाईन’ साधना शिविर का आयोजन
- आदर्श शिक्षक बनाने के लिए प्रयत्नरत सनातन संस्था !
कोल्हापुर – ‘शिक्षक बच्चों के जीवन में गुरु होते हैं और वे विद्यार्थियों को योग्य दिशा और मार्गदर्शन करते हैं । विद्यार्थियों के लिए माता-पिता के शब्दों की तुलना में शिक्षकों के शब्द बहुमूल्य होते हैं । विद्यार्थियों को अभ्यास का अथवा परीक्षा का तनाव केवल साधना से ही अल्प हो सकता है, यह अनुभूति अनेक साधक शिक्षकों ने ली है और ले भी रहे हैं । विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के संवर्धन करने हेतु स्वभावदोष और अहं निर्मूलन कर उनमें भारी मात्रा में परिवर्तन करना संभव है । इसके द्वारा उन्हें प्रामाणिक और सुजान नागरिक बना सकेंगे’, ऐसा प्रतिपादन सनातन संस्था के धर्मप्रचारक सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडये ने किया । हाल ही में सनातन संस्था की ओर से संगणकीय प्रणाली द्वारा शिक्षक शिविर का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर वे मार्गदर्शन कर रही थीं ।
इस शिविर में सोलापुर, कोल्हापुर, सातारा, सांगली, पुणे, सिंधुदुर्ग जिले के, साथ ही गोवा राज्य के कुल १२५ शिक्षक सहभागी हुए थे । सनातन संस्था की आधुनिक वैद्या (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे ने शिविर का उद्देश्य बताया । शिविर में कुछ शिक्षक साधकों ने अपने मनोगत, तो कुछ ने शिविर में क्या सीखने मिला, इस विषय में बताया ।