रामनाथी (गोवा) – गत चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में श्रीलंका के हिन्दुआें की रक्षा के लिए लगन से कार्य करनेवालेे श्रीलंका के श्री. सच्चिदानंदनजी का ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर घोषित किया गया था । पांचवे अधिवेशन में धर्मबंधुत्व की भावना रखनेवाले और वृद्धावस्था में भी हिन्दुआें की सुरक्षा के लिए कार्यरत श्री. सच्चिदानंदनजी का आध्यात्मिक स्तर ६४ प्रतिशत घोषित किया गया । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू.(डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों से पुष्पहार पहना कर और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट देकर श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदनजी का सत्कार किया गया ।
श्रीलंका के हिन्दुआें की स्थिति दयनीय है । इसलिए श्रीलंका के हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. सच्चिदानंदनजी ने उनके परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से निवास करना निश्चित किया था; परंत हिन्दू धर्म के प्रति अभिमान तथा श्रीलंका के हिन्दुआें की रक्षा के लिए उन्होंने श्रीलंका में ही रहने का निर्णय किया । उनकी आयु अब ७५ वर्ष है । इस आयु में भी वे उनके सभी काम स्वयं ही करते हैं । उनमें नम्रता है । वे निरंतर वर्तमानकाल में रहते हैं । उन्होंने श्रीलंका के १०-१५ धर्मवीरों को हिन्दू धर्मप्रसार और साधना सीखने के लिए एवं हिन्दुत्वरक्षा का कार्य सीखने के लिए रामनाथी के सनातन आश्रम में भेजना निश्चित किया है । इस संदर्भ में सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा है कि श्री. सच्चिदानंदन श्रीलंका में हैं, इसलिए वहां के हिन्दुआें की चिंता मिट गई है ।