६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त होना,
केवल परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की ही कृपा – प्रेम प्रकाश कुमार
श्री. प्रेम प्रकाश कुमार का सन्मान करते हुए पू. नंदकुमार जाधव
विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी (गोवा) – मेरा आध्यात्मिक स्तर घोषित किए जाने में मेरा कोई कर्तृत्व नहीं है । मैंने कुछ नहीं किया है । अध्यात्म करनेवाला कोई (गुरु) होता है तथा उसका लाभ किसी को (शिष्य को) मिलता रहता है । आध्यात्मिक उन्नति के लिए मैं अपात्र हूं । यह सब परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की ही कृपा है, ऐसे भावोद्गार ओडीशा के हिन्दू धर्माभिमानी श्री. प्रेम प्रकाश कुमारजी ने व्यक्त किए । पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में २२ जून को सायंकालीन सत्र में श्री. प्रेम प्रकाश कुमारजी का आध्यात्मिक स्तर ६१ प्रतिशत घोषित किया गया । सनातन संस्था के धर्मप्रसारसेवक पू. नंदकुमार जाधवजी के करकमलों से भगवान श्रीकृष्ण की सनातन-निर्मित प्रतिमा और पुष्प देकर उनका सत्कार किया गया ।
हिन्दू जनजागृति समिति के ओडीशा के कार्यकर्ता श्री. प्रकाश मालोंडकर बोले, श्री. प्रेम प्रकाश कुमार की धर्मपत्नी को संपर्क किया, तब वे बोली कि जब से श्री. प्रेम प्रकाश कुमार अधिवेशन में आए हैं, तब से उन्होंने घर पर संपर्क ही नहीं किया है । लगता है कि, अब वे आध्यात्मिक उन्नति कर ही घर लौटेंगे । वास्तव में आज यह सत्कार हुआ ।
प्रेम प्रकाश कुमार के गुण विशेषताएं और कार्य !
श्री. प्रेम प्रकाश कुमारजी ने विश्व हिन्दू परिषद के माध्यम से १० वर्ष हिन्दुत्व का कार्य किया है । कार्य को बडी सफलता भी मिली है; परंतु वे मनःशांति की खोज में थे । तीसरे अधिवेशन से वे नियमित अधिवेशन में आते हैं । उनकी आर्थिक स्थिति सामान्य होते हुए भी उन्होंने धर्मकार्य के लिए पत्नी सहित पूर्णकालिक सेवा प्रारंभ की । उन्हें ४ वर्ष का पुत्र है । उन्होंने गत वर्षभर नामजप, प्रार्थना और सेवा की । पहाडी क्षेत्र में अनेक कष्ट सहकर धर्मप्रसार किया । २१ जून को उन्होंने अधिवेशन में अपनी अनुभूति बताई, तब सबकी भावजागृति हुई । नम्रता, आज्ञापालन, संयम और ध्येयनिष्ठता उनके गुण हैं ।