कर्नाटक के रायचुर जनपद में बसा अत्यंत जागृत तीर्थस्थान ! कृष्णा नदी के मध्य में बसे प्राकृतिक द्वीपपर श्रीपाद श्रीवल्लभजीने १४ वर्ष निवास किया था । फिर अपने अवतारकार्य के समाप्त होने के वे पश्चात विलुप्त हो गए ।
श्री दत्तवावतारी योगीराज श्री वासुदेवानंद सरस्वती (टेम्ब्येस्वामी)जी को श्रीक्षेत्र कुरवपुर में ही ‘दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा ।’ अठारह अक्षरों के इस मंत्र का साक्षात्कार हुआ । यहीं पर वासुदेवानंद सरस्वतीजीके निवास से पावन हुई गुफा है । यहीं पर पाचलेगांवकर महाराज को श्रीपाद श्रीवल्लभजी का साक्षात्कार हुआ था ।
सर्वजगद्रक्षाय गुरुदत्तात्रेयायश्रीपादश्रीवल्लभपरमात्मने नमः ।
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