राष्ट्रभक्ति बढानेवाले नि:शुल्क प्रथमोपचार,
आपातकालीन सहायता और अग्निशमन प्रशिक्षणवर्ग
अ. नि:शुल्क प्रशिक्षणवर्ग
शासक ही नीतिभ्रष्ट, दुराचारी, दायित्त्वशून्य और अकार्यक्षम होने से जनता में राष्ट्र के प्रति सद्भावना और राष्ट्राभिमान का अभाव तथा राष्ट्रहित के प्रति उपेक्षा पाई जाती है । राष्ट्र के सर्वांगीण उत्कर्ष के लिए राष्ट्रहित में कुशल नागरिकों को अब अपनी रक्षा के साथ-साथ राष्ट्र्र की रक्षा करना भी आवश्यक हो गया है । इस दृष्टि से आगे दिए विभिन्न स्थानों पर सनातन संस्था नि:शुल्क प्रशिक्षणवर्ग आयोजित करती है ।
अ १. प्रथमोपचार प्रशिक्षणवर्ग
किसी व्यक्ति की दुर्घटना होने, आकस्मिक कष्ट होने अथवा उस पर अन्य कोई विपत्ति आने पर उसे सहयोग करना और उसके प्राणों की रक्षा करना देश के प्रत्येक नागरिक का अलिखित कर्तव्य है । समाजऋण चुकाने का भी यह एक भाग है ।
इस दृष्टि से संस्था की ओर से विभिन्न स्थानों पर प्रथमोपचार प्रशिक्षणवर्ग आयोजित किए जाते हैं । इनमें पीडित व्यक्तियों की प्राथमिक जांच कैसे करें, यह सिखाकर विविध प्रकार की चोटें और कष्ट की विस्तृत जानकारी दी जाती है । साथ ही विशेष प्रकरण में प्रथमोपचार की कौन सी उपचार-पद्धति का प्रयोग करें, यह प्रत्यक्ष सिखाया जाता है ।
अ २. आपातकालीन सहायता प्रशिक्षणवर्ग
बाढ, आंधी, ज्वालामुखी जैसी नैसर्गिक विपत्तियों के रूप में, तथा युद्धजन्य परिस्थिति में अथवा अराजकता की स्थिति में मानव जीवन संकट में पड सकता है । आज प्रशासन के भ्रष्टाचार, दायित्त्वशून्यता और अकार्यक्षमता से जनता पूरी तरह परिचित है । उसी प्रकार आनेवाले समय में मानव जीवन पर देश की बिगडी समाजव्यवस्था, राष्ट्ररक्षण, अर्थव्यवस्था, युद्ध की दृष्टि से विस्फोटक परिस्थिति तथा देशविघातक कार्यवाहियों की बढती मात्रा आदि का बडा परिणाम होगा ।
इस पृष्ठभूमि पर, आगामी समय में यदि हम पर कोई विपत्ति आए, तो उससे मार्ग निकालने के लिए हमें प्रशासकीय सहायता, आवश्यक वैद्यकीय एवं अन्य सहायता तथा साधन सामग्री कहां तक उपलब्ध रहेगी, इस दृष्टिकोण से सनातन संस्था आपातकालीन सहायता प्रशिक्षणवर्ग आयोजित करती है । इन प्रशिक्षणवर्गों में विभिन्न परिस्थितियों की विस्तृत जानकारी दे कर प्रत्येक परिस्थिति में सहायता कैसे करें, आदि पर प्रात्यक्षिकों के साथ मार्गदर्शन किया जाता है ।
अ ३. अग्निशमन प्रशिक्षणवर्ग
अल्पावधि में ही भीषण जीव और वित्तहानि करनेवाले अग्निप्रलय से बचने का, बल्कि ऐसी परिस्थिति ही न आए, इसके लिए सभी को उचित कुशलता की प्रक्रिया आत्मसात करना आवश्यक है । स्वातंत्र्योत्तर समय में शालेय अथवा महाविद्यालयीन पाठ्यक्रम जैसे किसी भी चरण में अथवा अन्य प्रकार से ऐसी विपत्ति के समय जनता क्या करे, यह शासकों ने नहीं पढाया है ।
इस ज्ञान के अभाव में जनसामान्य ऐसी विपत्ति के समय किंकिर्त्तव्यविमूढ दिखाई देते हैं । सनातन की ओर से आयोजित अग्निशमन प्रशिक्षणवर्ग में धैर्य के साथ विपत्ति का सामना करने, तथा आपदा के समय अचूक कार्यवाही करना सिखाया जाता है । इस प्रशिक्षण में आग लगने और उसे फैलने के विविध कारण बताकर आग देखते ही कौन सी कृति करें, यह बताया जाता है ।
आग बुझाने की विभिन्न पद्धतियां, उसके लिए आवश्यक विविध उपकरण और उनकी कार्यपद्धति, अयोग्य माध्यम के प्रयोग से होनेवाले दुष्परिणाम आदि पर भी विस्तृत मार्गदर्शन किया जाता है । आग लगने पर सुरक्षात्मक उपाययोजना कैसे करें, इन प्रशिक्षणवर्गों में इनके प्रात्यक्षिक भी निहित हैं ।
आ. भाषाशुद्धि और भाषासंबंधी अस्मिता जागृति आंदोलन
स्वभाषाभिमान से राष्ट्राभिमान बढता है । सभी क्षेत्रों में हो रहा अंग्रेजी भाषा का बढता प्रयोग रोककर अपनी भाषा के प्रति अस्मिता जागृत करना, तथा व्याकरण की दृष्टि से सभी लेखन शुद्ध हों, इसके लिए सनातन संस्था यह आंदोलन चला रही है ।