‘आनंदमय जीवन हेतु साधना’ विषयपर मार्गदर्शन
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सांगली (महाराष्ट्र) : यहां के विश्रामबाग के खरे मंगल कार्यालय में १ मार्च को ‘आनंदमय जीवन हेतु साधना’ पर सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी का मार्गदर्शन संपन्न हुआ । उन्होंने उपस्थितों का मार्गदर्शन करते हुए कहा, ‘‘पश्चिमी जीवनशैली में अधिकांशत: केवल सुख का ही विचार किया गया है । इसके विपरीत हिन्दू धर्म में सुख-दुख के परे आनंदप्राप्ति का विचार किया गया है । मनुष्यजीवन में आनेवाले सुख-दुख का सामना करने हेतु साधना ही उपयोगी होती है, अपितु साधना ही जीवन की सभी समस्याओं का उत्तर है । अतः प्रत्येक व्यक्ति को कुलदेवता का नामजप और ‘श्री गुरुदेव दत्त’ नामजप साधना करने से वे आनंदप्राप्ति की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं ।’ इस मार्गदर्शन का ४०० जिज्ञासुओं ने लाभ उठाया । तदुपरांत कु. प्रतिभा तावरे ने भी उपस्थित जिज्ञासुओं को संबोधित किया । इस अवसरपर सनातन संस्था के संत पू. सदाशिवजी एवं पू. (श्रीमती) शैलजा परांजपेजी की वंदनीय उपस्थिति थी ।