लक्ष्मणपुरी (उत्तरप्रदेश) – सनातन संस्था द्वारा महाशिवरात्रि पर उत्तरप्रदेश और बिहार राज्यों में विविध स्थानों पर अध्यात्मप्रसार के निमित्त ग्रंथ और सात्त्विक उत्पादनों का प्रदर्शन लगाया गया था । इसका सहस्रों जिज्ञासुओं ने लाभ लिया ।
बिहार – मुजफ्फरपुर जिलों में गरीब नाथ मंदिर, हाजीपुर में श्रीयंत्र मंदिर के राजेंद्र चौक में, पाटलीपुत्र में हनुमाननगर, कंकडबाग में शिव-शक्ति मंदिर, इसके साथ ही समस्तीपुर में श्री थनेश्वर मंदिर, ऐसे विविध स्थानों पर ग्रंथप्रदर्शन लगाए गए । इसका सहस्रों जिज्ञासुओं ने लाभ लिया ।
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी पृथ्वीवर सनातन धर्म टिका है ! – एक जिज्ञासु के भावपूर्ण उद्गार
मुजफ्फरपुर (बिहार) के ग्रंथप्रदर्शन के स्थान पर एक जिज्ञासु आए और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का छायाचित्रयुक्त ‘परात्पर गुरु आठवलेजी के ओजस्वी विचार’ इस हिन्दी ग्रंथ को पुन:-पुन: स्पर्श करते हुए बोले, इन संतों के कारण ही पृथ्वी पर सनातन धर्म टिका है ।’’ परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र देखते समय उस जिज्ञासु के नेत्रों में भाव प्रकट हो रहा था । वे बोले, मैं पूजा कर लौटते समय यह ग्रंथ लेकर जाऊंगा ।’’ परंतु फिर कुछ ही देर में आधे रास्ते से लौट आए और बोले, ‘कहीं ऐसा न हो कि मेरे लौटने से पूर्व आप यहां से निकल गए और मुझे ग्रंथ न मिले ? इसलिए पहले मैं ग्रंथ लेता हूं और फिर बाद में पूजा करने जाऊंगा ।’’ तदुपरांत उन्होंने ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना की दिशा’ यह हिन्दी ग्रंथ खरीदा और देवताओं के नामजप की पट्टियां भी लीं । जाते समय वे बोले, ‘‘आपका कार्य अलौकिक है । मेरे पास इसके लिए शब्द नहीं ।’’
उत्तरप्रदेश – उत्तरप्रदेश के अयोध्या, कानपुर, लक्ष्मणपुरी, भदोही, गाजीपुर और वाराणसी में कुल ११ स्थानों पर ग्रंथ और सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी । इसके साथ ही धर्मशिक्षा देनेवाले फलकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी । इसका सहस्रों जिज्ञासुओं ने लाभ लिया ।