सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी को उत्स्फूर्त प्रतिसाद !
कोची (केरळ) – १४ से १६ फरवरी तक यहां माता अमृतानंदयी द्वारा स्थापित अमृता स्कूल ऑफ आर्टस् एंड सायन्स’ में समग्र – नैशनल सेमिनार ऑन इंडियन लिटरेचर एंड कल्चर’ कार्यक्रम में पुस्तक मेले का आयोजन किया गया था । स्वामी पूर्णामृतानंद पुरी के शुभहस्तों इस पुस्तक मेले का उद्घाटन हुआ था । इस मेले में सनातन संस्था ने भी ग्रंथप्रदर्शन कक्ष लगाया था । स्वामी पूर्णामृतानंद पुरी ने सनातन संस्था के ग्रंथप्रदर्शन कक्ष को भेट दी । देवी-देवताओं के लघुग्रंथ देखकर वे बोले, ऐसे लघुग्रंथ अत्यधिक अच्छे हैं । किसी को भी उन्हें पढकर समझना सरल होगा ।’’
विद्यालय और महाविद्यालय में इस विषय में साधकों को ध्यान में आए सूत्र
१. विद्यालय और महाविद्यालय में कुछ विद्यार्थी अध्यात्म संबंधी जानकारी लेने में रुचि दिखा रहे थे । कुछ लोग आध्यात्मिक संशोधन के विषय में अथवा देवताओं के विषय में शास्त्र बता रहे थे और वे अत्यधिक जिज्ञासा से सुन रहे थे ।
२. अनेक विद्यर्थियों को सनातन संस्था के सात्त्विक उत्पादन बहुत अच्छे लगे । वे अपनी कक्षा के अन्य विद्यार्थियों में उसकी चर्चा कर रहे थे ।
३. महाविद्यालय के अनेक कर्मचारी एवं अध्यापक, कुछ वर्षों से सनातन संस्था के उत्पादन ले रहे हैं । उत्पादनो के विषय में उन सभी की राय बहुत अच्छी है । वहां के महाविद्यालय के संचालक डॉ. यु. कृष्णकुमार भी गत कुछ वर्षों से उत्पादन और ग्रंथ ले रहे हैं और अन्यों को भी उनके विषय में बताते हैं । उन्हें सनातन संस्था के प्रति बहुत आदर है ।
४. कार्यक्रम बहुत ही अच्छे ढंग से आयोजित किया गया था । उन्होंने प्रदर्शन लगानेवाले विविध कक्षों के लोगों का अत्यंत प्रेमपूर्वक ध्यान रखा ।
५. इस महाविद्यालय का वातावरण बहुत सात्त्विक है । अन्य महाविद्यालयों की तुलना में यहां के विद्यार्थी सभी से आदरयुक्त बर्ताव करते हैं और यहां के प्राध्यापक और विद्यार्थियों का अध्यात्म की ओर झुकाव है । सर्व विद्यार्थी, कर्मचारी और प्राध्यापकों में प्रेमभाव अनुभव हुआ ।