सानपाडा में सनातन संस्था की ओर से प्रवचन
नई मुंबई : हमारे जीवन में आनंद आए; इसलिए हम निरंतर प्रयास करते हैं; परंतु आनंद कैसे प्राप्त किया जाता है ?, यह विद्यालय-महाविद्यालयों में सिखाया नहीं जाता । आनंद प्राप्त करने हेतु साधना करना आवश्यक है । साधना करते समय प्राथमिक चरण में स्वभावदोष एवं अहं के निर्मूलन की प्रक्रिया और नामजप करना आवश्यक है । उसके पश्चात आगे जाकर सत्संग, सत्सेवा, त्याग, प्रेमभाव इस चरणबद्ध प्रक्रिया से साधना करने से हम अपने जीवन में आनंद का अनुभव कर सकते हैं । सनातन संस्था की श्रीमती धनश्री केळशीकर ने यह मार्गदर्शन किया । सानपाडा स्थित हिमगिरी सोसाईटी में आयोजित प्रवचन में वे ऐसा बोल रही थीं । श्रीमती धनश्री केळशीकर ने अपने मार्गदर्शन में सभी के मनपर धर्मशिक्षावर्ग आरंभ करने का महत्त्व अंकित किया । इस प्रवचन के आयोजन में हिमगिरी सोसाईटी से विशेष सहयोग मिला ।