नागपुर : हिन्दू संस्कृति का वैज्ञानिक दृष्टि से अध्ययन करें और श्रद्धापूर्वक धर्माचरण करें । ऐसा करने से आपको ईश्वर के अस्तित्व की प्रतीति हुए बिना नहीं रहेगी । तिलक लगाना, तिथि के अनुसार जन्मदिवस मनाना, हाथ न मिलाकर नमस्कार करना, फीता न काटकर श्रीफल समर्पित कर उद्घाटन करना जैसे छोटे-छोटे कृत्यों के माध्यम से धर्माचरण कर हम हमारा धर्म और संस्कृति को बढावा दे सकते हैं । सनातन संस्था की श्रीमती वैशाली परांजपे ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां आयोजित हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में साधना एवं धर्माचरण का महत्त्व’ विषयपर मार्गदर्शन करते हुए वे ऐसा बोल रही थीं ।
यहां के चिखली का राजा श्री हनुमान मंदिर के प्रांगण में १२ जनवरी को हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अपार उत्साह में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा संपन्न हुई । इस संख्या में बडी संख्या में धर्मप्रेमी उपस्थित थे ।