- यावल (जळगांव) की हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में ३ सहस्र धर्मप्रेमी उपस्थित
- २१ सहस्र धर्मप्रेमियों ने फेसबुक लाईव के माध्यम से उठाया सभा का लाभ
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यावल (जनपद जळगांव, महाराष्ट्र) नगर
व्यासनगरी के रूप में जानी जाए; इसके लिए सेक्युलर नहीं,
अपितु हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता ! – रमेश शिंदे, प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
यावल (जळगांव) : यावल नगरी महर्षि व्यासजी की नगरी है । ऐसा होते हुए भी धर्मनिरपेक्षता के नामपर यहां के विद्यालय-महाविद्यालयों में महर्षि व्यासजी की महत्ता सिखाई नहीं जाती । यावल नगरी को महर्षि व्यासनगरी के रूप में जाना जाए; इसके लिए सेक्युलर नहीं, अपितु हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने १४ दिसंबर को यहां संपन्न हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में ऐसा प्रतिपादित किया । इस सभा में ३ सहस्र हिन्दू धर्माभिमानी उपस्थित थे । इस सभा को सनातन के सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी, हिन्दू जनजागृति समितिप्रणित रणरागिनी शाखा की श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने भी संबोधित किया ।
श्री. रमेश शिंदे ने आगे कहा, ‘‘इस देश में कार्यरत सेक्युलर व्यवस्था एक बनावटी व्यवस्था बन गई है और उसका उपयोग हिन्दू धर्मियों के साथ अन्याय करने के लिए हो रहा है । इसके अनेक उदाहरण हैं । चर्च, मस्जिदों और मदरसों का अधिग्रहण न कर केवल हिन्दू मंदिरों का ही अधिग्रहण किया जाता है । सेक्युलरवाद के नामपर सशबरीमला, शनिशिंगणापुर आदि मंदिरों में विद्यमान प्राचीन धर्मपरंपराओं को तोडा जा रहा है ।’’
सभा का आरंभ शंखनाद से किया गया । वेदमूर्ति सर्वश्री शशिकांत लोकांक्षी, शामशास्त्री नाईक एवं उमेश सराफगुरुजी ने वेदमंत्रपाठ किया । सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन किया गया । तत्पश्चात श्री. रमेश शिंदे ने व्यासपीठपर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की पूर्णाकृति सिंहासनाधिष्ठित मूर्ति को माल्यार्पण किया । अधिवक्ता राजेश गडे ने सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी को, श्री. विनोद पाटिल ने श्री. रमेश शिंदे को, तो श्रीमती छाया भोळे ने श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर को संबोधित किया । श्री. प्रशांत जुवेकर ने हिन्दू जनजागृति समिति का ब्यौरा प्रस्तुत किया और सूत्रसंचालन भी किया । सभा में स्वरक्षा प्रशिक्षण प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए । सभा के अंत में हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु प्रतिबद्ध होने की प्रतिज्ञा ली गई और श्लोक का पाठ कर सभा का समापन हुआ ।
अखिल विश्व को सुसंस्कृत बनाने के
धर्मकर्तव्य का निर्वहन करेंगे ! – सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी
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धर्माचरण एवं साधना के कारण ही छत्रपति शिवाजी महाराज धर्मसंस्थापना कर सके । अतः प्रत्येक हिन्दू को कुलदेवता का नामजप करना चाहिए । नामजप के कारण ही धर्मरक्षा के कार्य के लिए आत्मबल मिलेगा । केवल हिन्दू धर्मसंस्कृति की रक्षा का संकीर्ण लक्ष्य न रखकर हमारे पूर्वजों की जो ‘कृण्वन्तो विश्वम् आर्यम् ।’ अर्थात विश्व को सुसंस्कृत बनाने की जो घोषणा थी, उसे सार्थ बनाने के लिए हम सभी धर्मकर्तव्य का निर्वहन करेंगे ।
महिलाओं के साथ
अन्याय करनेवालों को कठोर दंड
दिया जाना चाहिए ! – श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर
कथित आधुनिकतावादी ‘हिन्दू धर्म में महिलाओं को गौण स्थान है’, यह आक्रोश करते हैं । उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए कि वेदकाळ में यजुर्वेद में महिलाओं द्वारा राज्यों का नेतृत्वा किए जाने का उल्लेख मिलता है । आजकल महिलाओं के साथ अत्याचारों की घटनाएं बढ रही हैं । इसे रोकना हो, तो अपराधियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए, जिससे पुनः ऐसे अपराध करने का कोई साहस न दिखाए ।