७ भाषाओं में ५ लाख से अधिक लोगों में लोकप्रिय ‘एप’ आज ही डाऊनलोड करें !
पंचांग और मुहूर्त के साथ ही त्योहार-व्रत, धर्मशिक्षा, राष्ट्र-धर्म रक्षा इत्यादि विविध विषयों की सर्वांगीण उपयोगी जानकारी देनेवाला ‘सनातन पंचांग 2020’ एप हाल ही में लांच किया गया है । आयुर्वेद, उपचारपद्धति, अध्यात्म, हिन्दू राष्ट्र इत्यादि की विविधतापूर्ण जानकारी से सजा यह एप सर्वसाधारण हिन्दुओं को दैनिक जीवन में मार्गदर्शक होने से उसका लाभ हिन्दू समाज ले, ऐसा आवाहन सनातन संस्था द्वारा किया गया है । तिथि, दिनांक, दिनविशेष जैसे विशेषतापूर्ण ‘विजेट’ सहित यह ‘एप’ ‘गूगल प्ले’ के माध्यम से उपलब्ध किया गया है । मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, तमिल, तेलुगू और कन्नड भाषाओं में, तथा Android और Apple iOS इन दोनों ‘प्लेटफार्म्स’ पर सनातन पंचांग एप उपलब्ध है ।
‘सनातन पंचांग 2020 एप’ की विशेषताएं
१. दिनदर्शिका, मुहूर्त, पंचांग, त्योहार-व्रतों की एक क्लिक में सरल और सुलभ शब्दों में जानकारी !
२. राष्ट्र और धर्मप्रेम जागृत करनेवाली संत, राष्ट्रपुरुष और क्रांतिक्रारियों के महान कार्य की जानकारी !
३. सुदृढ आरोग्य के लिए आयुर्वेद, विकारों के निर्मूलन हेतु लाभदायी उपचारपद्धतियों की जानकारी !
४. गणेशोत्सव, गुढीपडवा इत्यादि त्योहार धर्मशास्त्र के अनुसार कैसे मनाएं, इसकी जानकारी देनेवाले विडियो !
५. अध्यात्म, धर्म, संस्कार, आहार, आयुर्वेद इत्यादि सनातन की बहुमोल ग्रंथसंपदा विषयक जानकारी !
६. पांच लाख से अधिक लोगों के विश्वास तथा पसंद का पंचांग एप !
एप ‘डाऊनलोड’ करने की लिंक्स और हिन्दी भाषा के अॅप के QR codes (Attach किए हैं ।)
Android : http://bit.ly/sanatan- panchang-2020-all-languages
iOS : http://bit.ly/sanatan- panchang-2020-iOS-all- languages
आपका नम्र,
आपली सनातन दिनदर्शिका आम्ही दररोज पहातो
आपण त्यात चूकीचा उल्लेख करता
शालीवाहन सवंत्(शक)
ही दिनदर्शीका शक राजाजी आहे
शालीवाहनाचा संबंध नाही?
https://www.rdpm.in/p/knowledge.html?m=1#:~:text=%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20'%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4,%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9A%201957%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%85%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%20%E0%A4%97%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A5%A4&text=%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95%20%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%A8,%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%AA%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A5%80%2D%E0%A4%9C%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%A4%E0%A5%80%20%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82%E0%A5%A4
धन्यवाद
नमस्कार,
याविषयी आम्ही अभ्यास करत आहोत. यासाठी आता आम्ही शक च्या जागी संवत् हा शब्द वापरण्यास सुरुवात केली आहे. पण पूर्वीच्या वाचकांना लक्षात यावे व गोंधळ होऊ नये यासाठी शक हा शब्द त्यापुढे कंसात लिहिला आहे.