काळाचौकी : सनातन संस्था की ओर से अभ्युदयनगर के एस्.एस्.एम्. शिवाजी विद्यालय में ७ दिसंबर को दोपहर ४.३० से सायंकाल ७ बजे की अवधि में साधना एवं स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रिया शिविर लिया गया । जीवन में साधना करना क्यों आवश्यक है ?, जीवन में गुरु का होना क्यों महत्त्वपूर्ण है ?, आज के काल के अनुसार योग्य साधना कौनसी है ? आदि संदर्भ में सनातन संस्था के श्री. भरत कडूकर ने मार्गदर्शन किया । सनातन संस्था की डॉ. (श्रीमती) ममता देसाई ने जीवन में सुख की घटनाएं अल्प और दुख की घटनाएं ही अधिक क्यों होती हैं और ऐसे समय में संतुलित कैसे रहना चाहिए ? और स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन प्रक्रिया का महत्त्व आदि के संदर्भ में मार्गदर्शन किया ।
इस समय कई जिज्ञासुओंने स्वभावदोष और अहं निर्मूलन प्रक्रिया बहुत अच्छी लगने और स्वयं में कितने दोष हैं, इसका भान होने की प्रतिक्रिया दी, साथ ही पुनः इस प्रकार का कार्यक्रम लेने की इच्छा व्यक्त की ।