रामनाथी (गोवा) : बेंगलुरू के प्रतिष्ठित ‘इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ साईन्स’ संस्थान में वैज्ञानिक के रूप में ४० वर्षोंतक कार्यरत रहे प्रा. (डॉ.) आराध्य प्रभु ने यहां के सनातन आश्रम का हाल ही में सपत्नीक अवलोकन किया । उन्होंने अत्यंत आत्मियता के साथ आश्रम में चल रहे धर्मशिक्षा एवं धर्मजागृति के कार्य की जानकारी ली । इस अवसरपर सनातन संस्था के साधक श्री. विक्रम डोंगरे ने उन्हें आश्रम में चल रहे धर्मकार्य की जानकारी दी ।
४ दिनों के अपने आश्रम के निवास में उन्होंने महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के अंतर्गत चल रहे आध्यात्मिक शोधकार्य की विस्तृत जानकारी ली । इस संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘आपका शोधकार्य बहुत अच्छा है और वह समाज के अधिकाधिक लोगोंतक पहुंचना चाहिए ।’’ कुल मिलाकर उन्हें साधना की दृष्टि से प्रत्येक सूत्र की ओर देखने का साधकों का प्रयास विशेषरूप से अच्छा लगा । दोनों (पति-पत्नी) सनातन संस्था के कार्य को जानकर लेकर बहुत प्रभावित हुए । उन्हें यहां के युवा साधकों की विनम्रता और सेवाभाव बहुत प्रशंसनीय लगा ।
प्रा. (डॉ.) आराध्य प्रभु का परिचय
प्रा. (डॉ.) आराध्य प्रभु (आयु ८० वर्ष) विश्वविख्यात ‘इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ साईन्स (IISc, Bengaluru) में ४० वर्षोंतक कार्यरत रहे । एरोनॉटिकल एंजिनियरिंग विषय में शिक्षा ग्रहण किए हुए प्रा. (डॉ.) प्रभु वैज्ञानिक हैं और उन्होंने Fluid Mechanics के क्षेत्र में कार्य किया है । विद्यावाचस्पति (डॉक्टरेट) की शिक्षा ग्रहण करते समय उन्हें अध्यात्म में रूचि उत्पन्न हुई । उन्होंने २० वर्ष पूर्व उनके गुरु मुखर्जी से मंत्रदीक्षा ली थी । तबसे लेकर आजतक वे साधना कर रहे हैं ।
प्रा. (डॉ.) निर्मला प्रभु का परिचय
प्रा. (डॉ.) श्रीमती निर्मला प्रभु (आयु ७५ वर्ष) ने हिन्दी साहित्य (Hindi Literature) में उच्च शिक्षा प्राप्त की है । श्रीमती प्रभु को समाजकार्य में विशेष रूचि है । वे बंगलुरू विश्वविद्यालय में प्राध्यापिका के रूप में कार्यरत थीं । श्रीमती प्रभु अब समाजकार्य के लिए समर्पित हुई हैं । वे आकाशवाणीपर व्याख्याता के रूप में विषय रखती हैं ।