सीबीआइ की कार्यवाही के पहले ही
आप नेता द्वारा किया गया ट्वीट; एक पूर्वनियोजित षड्यंत्र !
आज सवेरे ८.५४ बजे आप के नेता आशिष खेतान ने ट्वीटर पर ट्वीट किया कि डॉ. दाभोलकर की हत्या के पीछे सनातन संस्था के साधक का हाथ है । तदुपरांत उनके द्वारा किए अलग-अलग ट्वीट में सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति का उल्लेख कर कहा गया कि डॉ. दाभोलकर हत्या प्रकरण सुलझ गया है । प्रत्यक्ष में सीबीआइ के अधिकारी सनातन संस्था के आश्रम में पहुंचने के पहले ही तथा सीबीआइ द्वारा कोई अधिकृत स्पष्टीकरण दिए बिना ही आप नेता आशिष खेतान द्वारा किया यह ट्वीट स्पष्ट करता है कि यह पूर्वनियोजित षड्यंत्र ही है ।
खेतान ने महाराष्ट्र और गोवा में अनेक बमविस्फोट किए जाने के आरोप लगाए हैं; परंतु इस प्रकरण में निर्णय देते समय मा. न्यायालय ने सनातन संस्था को कहीं भी दोषी घोषित नहीं किया था । इतना ही नहीं यह टिप्पणी भी की थी कि संस्था को फंसाने की दृष्टि से ही जांच की गई थी । एक ओर देहली की सत्ता आप के पास होने पर भी वह पुलिस आरोप लगाती है कि पुलिस केंद्र की भाजपा सरकार मंत्रियों के ही नियंत्रण में है और दूसरी ओर यहां भाजपा सरकार के पहले ही आप के नेताआें को सीबीआइ
की कार्यवाही की सूचना मिलती है । इससे स्पष्ट है कि सीबीआइ के अधिकारी आप के हाथों की कठपुतलियां हैं ।
सनातन के साधक के घर पर सीबीआइ की घुसपैठ !
सनातन संस्था के पुणे निवासी साधक दम्पति श्री. और श्रीमती अकोलकर के बंद घर पर उनकी अनुमति के बिना घुसपैठ कर, अलमारी का ताला तोडकर सर्व साहित्य-सामग्री अस्तव्यस्त की गई । अपार्टमेंट के निवासियों से ज्ञात हुआ कि देहली की पुलिस ने यह कार्यवाही की । साथ ही अनेक समाचारवाहिनियों पर भी इसके समाचार आने लगे । इससे ध्यान में आता है कि सीबीआइ के पथक ने घुसपैठ की है । सीबीआइ के अधिकारी अकोलकर दम्पति से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनसे उनका भ्रमणभाष क्रमांक ले गए थे । इसके पश्चात भी वैध रूप से उन्हें सूचित किए बिना ताला तोडकर सामान ले जाना, अवैध और संदेहजनक है । इसलिए इसकी ओर गंभीरता से ध्यान देकर पूछताछ के लिए श्रीमती अकोलकर ने पुलिस आयुक्त के पास घुसपैठ करने का परिवाद प्रविष्ट किया है ।