रामनाथी, गोवा : हिन्दू राष्ट्र स्थापना का आरंभ हमारे व्यष्टि (व्यक्तिगत) स्तर से होता है, साथ ही हम में जब साधना से आत्मबल उत्पन्न होता है, तभी हम समाज एवं राष्ट्र के लिए कुछ कर सकते हैं । अतः साधना कर आध्यात्मिक उन्नति करना ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का सारांश है । सनातन प्रभात नियतकालिकों के समूह संपादक तथा ६७ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्री. नागेश गाडे ने ऐसा प्रतिपादित किया ।
सनातन संस्था की ओर से १८ से २० अक्टूबर की कालावधि में आयोजित तीन दिवसीय साधना शिविर के उद्घाटन के अवसरपर वे ऐसा बोल रहे थे । इस समय प्रा. महावीर श्रीश्रीमाळ एवं सनातन अध्ययन केंद्र के समन्वयक श्री. संदीप शिंदे उपस्थित थे । इस शिविर में महाराष्ट्र, गोवा एवं कर्नाटक से आए उद्योगपति, वैद्य, पाठक और हितचिंतक उपस्थित थे ।
शिविर का प्रारंभ से सनातन पुरोहित पाठशाला के पुरोहित श्री. अमर जोशी द्वारा किए गए शंखनाद से किया गया । श्री. अमर जोशी और अन्य एक पुरोहित श्री. ईशान जोशी ने वेदमंत्र का पाठ किया । इस मंगलमय वातावरण में सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं ठाणे के ज्योतिषशास्त्र के अभ्यासी श्री. निंबालाल सोनवणे के हस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । श्री. गाडे ने ‘आनंदित जीवन हेतु अध्यात्म एवं गुरुकृपायोग के अनुसार साधना’ विषयपर मार्गदर्शन करते हुए श्री. गाडे ने प्रारब्ध, संचित एवं क्रियमाण, व्यक्ति के जीवन में विद्यमान सुख-दुख के कारण तथा ईश्वरप्राप्ति हेतु करने आवश्यक प्रयास आदि विषयोंपर मार्गदर्शन किया । उन्होंने आगे कहा, ‘‘सनातन संस्था के कार्य से जुडे जीव ईश्वर से जुडने चाहिएं । आज जो ईश्वरप्राप्ति हेतु प्रयास कर रहे हैं, वे अगले चरण के प्रयास करें और वे ईश्वरप्राप्ति हेतु अधिक शीघ्रता से अग्रसर हों; इस उद्देश्य से इस शिविर का आयोजन किया गया ।’’
‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सहभाग की आवश्यकता’ विषयपर बोलते हुए प्रा. महावीर श्रीश्रीमाळ ने कहा, ‘‘रामराज्य में प्रजा साधना और धर्माचरण करनेवाली थी; इसलिए वह रामराज्य में रह सकी । हमें भी यदि हिन्दू राष्ट्र में टिके रहना हो, तो उसके लिए साधना करना आवश्यक है । सभी एक-दूसरे की सहायता कर हिन्दू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर हों; यही इस शिविर का उद्देश्य है । अतः हम साधना के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की और कैसे आगे बढ सकते हैं, इसे हम जानकर लेंगे ।’’
इस अवसरपर आरोग्य समिति समन्वयक अश्विनी कुलकर्णी ने सभी को परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी तथा सनातन संस्था के कार्य से अवगत कराया । सनातन संस्था के श्री. सुनील कदम ने सूत्रसंचालन किया ।