मंगलवार, शुक्रवार, कोजागरी पूर्णिमा, धनत्रयोदशी, यमदीपदान, देवदीपावली एवं श्री लक्ष्मीपूजनके शुभ प्रसंगमें लक्ष्मीतत्त्व की रंगोलियां बनाएं ।
आनंद की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
११ बिंदु : ११ रेखाएं
लक्ष्मीपूजन में यह रंगोली बनाएं ।
भाव की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
१५ बिंदु : १५ रेखाएं
ये रंगोली कृष्णतत्त्व भी आकर्षित एवं प्रक्षेपित करती हैं ।
चैतन्य की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
६ बिंदु : ६ रेखाएं
आनंद की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
८ बिंदु : ८ रेखाएं
श्री महालक्ष्मी व्रत जैसे प्रसंगोंपर लक्ष्मीदेवीतत्त्वकी रंगोलियां बनाते हैं ।
आनंद की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
९ से ५ बिंदु
ये रंगोलियां कृष्णतत्त्व भी आकर्षित एवं प्रक्षेपित करती हैं ।
आनंद की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
१० से ३ बिंदु
यह रंगोली कृष्णतत्त्व भी आकृष्ट व प्रक्षेपित करती है ।
आनंद की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
११ बिंदु : ४ रेखाएं
कमलमें लक्ष्मीदेवीतत्त्व अधिक मात्रामें आकर्षित होता है; इसलिए श्री लक्ष्मीदेवीको कमल चढाते हैं ।
१० से ८ बिंदु
आनंद की अनुभुति देनेवाली लक्ष्मीदेवीतत्त्व की रंगोली
यह रंगोली कृष्णतत्त्व भी आकृष्ट व प्रक्षेपित करती है ।
संदर्भ : सनातन का ग्रंथ, ‘सात्त्विक रंगाेलियां‘