मिरज (जनपद सांगली, महाराष्ट्र) के नाथ संप्रदाय के उपासक श्री. संतोष सदाशिव दाभाडे (माऊली) द्वारा रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम का अवलोकन !

श्री. संतोष सदाशिव दाभाडे (माऊली) से वार्तालाप करते हुए सनातन संस्था के श्री. राम होनप (बाईं ओर)

रामनाथी : मिरज के श्री. संतोष सदाशिव दाभाडे (माऊली) ने २४ सितंबर को यहां के सनातन आश्रम का अवलोकन किया । सनातन संस्था के साधक श्री. प्रशांत कोयंडे ने उन्हें आश्रम में चल रहे राष्ट्र-धर्म का कार्य, साथ ही आध्यात्मिक शोधकार्य की जानकारी दी । इस अवसरपर उनके साथ उनके पुत्र श्री. मयुर दाभाडे एवं सनातन संस्था के साधक उपस्थित थे । इस अवसरपर सनातन संस्था के सूक्ष्म ज्ञान-प्राप्तकर्ता साधक श्री. राम होनप ने उनके साथ वार्तालाप किया ।

इस समय उन्होंने महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय के माध्यम से संगीत साधना करनेवाले साधकों को सूक्ष्मज्ञान के द्वारा मार्गदर्शन किया । राष्ट्र एवं धर्म आदि विषयों के संबंध में उनसे पूछे गए प्रश्‍नों के उत्तर भी उन्होंने सूक्ष्मज्ञान से ही दिए । उन्होंने दृढता के साथ बताया कि वर्ष २०२३ में हिन्दू राष्ट्र स्थापना होकर रहेगी ।

अभिप्राय

आश्रम में चल रहे कार्य के संदर्भ में जानकर लेने के पश्‍चात श्री. दाभाडे (माऊली) ने कहा –

१. मैं विगत ५ वर्षों में रामनाथी आश्रम जाने की प्रतीक्षा में था । आज मुझे यह अवसर मिला ।

२. आश्रम के साधकों के साथ ही यहां की निर्जीव वस्तुओं में भी प्रचुर मात्रा में चैतन्य प्रतीत होता है ।

३. यहां के साधक जिस प्रकार से आज्ञापालन करते हैं, वैसा अन्यत्र दिखाई नहीं देता ।

क्षणिकाएं

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी पहले जिस कक्ष में रहते थे, उस कक्ष के दर्शन करनेपर श्री. दाभाडे (माऊली) ने कहा, ‘‘आध्यात्मिक स्थिति साधना से प्राप्त होती है; किंतु यहां वह सहजता से प्राप्त होती है ।’’

 

श्री. संतोष सदाशिव दाभाडे (माऊली) का संक्षिप्त परिचय

श्री. संतोष सदाशिव दाभाडे (माऊली) नाथ संप्रदाय से संबंधित हैं । चौथी कक्षा में शिक्षा लेते समय से लेकर उन्हें सूक्ष्म से ज्ञान प्राप्त हो रहा है । उन्होंने समाज के सहस्रों भक्तोंपर आध्यात्मिक उपाय किए हैं और कई लोगों ने उनके आध्यात्मिक उपायों की अनुभूति की है । वे तबला विशारद हैं, साथ ही हिलींग थेरपी और रेकी के विशेषज्ञ हैं । उन्होंने मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट थर्ड उपाधि प्राप्त की है । वे दैनिक सनातन प्रभात के नियमित पाठक हैं ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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