सनातन संस्था का कार्य उत्तरोत्तर बढता जाए ! – प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी

प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी की
रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम से मंगलमय भेंट !

प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी

रामनाथी (गोवा) : हळदीपुर (कर्नाटक) के श्रीसंस्थान हळदीपुर मठाधीश प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी ने गुरुवार, १९ सितंबर २०१९ को यहां के सनातन आश्रम का मंगलमय अवलोकन किया । इस अवसरपर सनातन पुरोहित पाठशाला के पुरोहितों द्वारा किए गए मंत्रोच्चारण में स्वागत किया गया । इस अवसरपर सनातन संस्था के ६५ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त साधक श्री. प्रकाश मराठे ने प.पू. स्वामीजी का पाद्यपूजन किया और उन्हें माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया । इस मंगल अवसरपर स्वामीजी का भक्त परिवार, साथ ही सनातन संस्था के साधक उपस्थित थे । प.पू. स्वामीजी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि सनातन संस्था  का कार्य बहुत ही अच्छी गति से चल रहा है । यह कार्य उत्तरोत्तर बढता जाए, यह आशीर्वाद !

१. प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी एवं भक्तगण सनातन प्रभात नियतकालिकों की जानकारी लेते हुए । २. श्री. निषाद देशमुख

प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी अपने दुर्गाभाट, गोवा के मठ के अवलोकन हेतु आए थे, इस उपलक्ष्य में उन्होंने रामनाथी आश्रम का भी अवलोकन किया । इस अवसरपर सनातन संस्था के साधक श्री. निषाद देशमुख ने स्वामीजी को आश्रम में चल रहे राष्ट्र-धर्म एवं आध्यात्मिक शोधकार्य से संबंधित विविधांगी कार्य की विस्तृत जानकारी दी । प.पू. स्वामीजी ने अत्यंत आस्थापूर्वक आश्रम का संपूर्ण कार्य जानकर लिया । इस अवसरपर साधकों के उत्कट भाव के कारण सजीव प्रतित होनेवाली भगवान श्रीकृष्णजी की प्रतिमा को देखकर स्वामीजी ने कहा, ‘‘इस प्रतिमा की ओर देखकर धर्मसंस्थापना हेतु भगवान श्रीकृष्ण अवतरित हुए हैं ।’’ कई प्रकार के विरोध का सामना कर सनातन प्रभात नियतकालिकों का बढता हुआ कार्य, साथ ही धर्मकार्यरूपी यज्ञ में समय और धनरूपी आहुति समर्पित करने के संदर्भ में चित्र उन्हें बहुत अच्छा लगा । ध्यानमंदिर, सूक्ष्म-जगत् की प्रदर्शनी, यु.टी.एस्. (युनिवर्सल थर्मो स्कैनर) यंत्र का उपयोग कर आध्यात्मिक शोधकार्य करने की प्रक्रिया, भोजनकक्ष में लगाया हुआ चूकों का फलक आदि जानकारी उन्हें विशेषरूप से भा गई ।

आश्रम के अवलोकन के समय विविध सेवाएं करनेवाले साधक प.पू. स्वामीजी का खडे रहकर अभिवादन कर रहे थे, तब स्वामीजी ने अपनी प्रेममय दृष्टि से साधकों को आशीर्वाद दिए । प.पू. स्वामीजी ने अपने भक्तों को आश्रम में रहकर स्वभावदोष एवं अहंनिर्मूलन सिखने का सुझाव दिया । तब उनके एक भक्त ने इस प्रक्रिया को सिखने हेतु कुछ मासतक आश्रम में रहने की सिद्धता दर्शाई । प.पू. श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी ने सूक्ष्म-ज्ञानप्राप्तकर्ता साधक, साथ ही संगीत विभाग के साधकों के संदर्भ में आस्थापूर्वक जानकर लिया ।

आश्रम के अवलोकन के पश्‍चात श्री. प्रकाश मराठे ने प.पू. स्वामीजी को शॉल, श्रीफल और भेंटवस्तु समर्पित कर सम्मानित किया ।

क्षणिकाएं

१. प.पू. स्वामीजी ने अपने भक्तों को आश्रम के साधकों द्वारा लिखे जानेवाले चूकों के फलक को पढने के लिए आग्रहपूर्वक कहा ।

२. प.पू. स्वामीजी ने यु.टी.एस्. उपकरण के संदर्भ में जानकारी लेते समय ‘क्या यह यंत्र आश्रम में है ?’, ऐसा जिज्ञासा के साथ पूछा ।

३. श्री. निषाद देशमुख ने प.पू. स्वामीजी को सनातन संस्था के बालसंत पू. भार्गवराम प्रभु एवं पू. वामन राजंदेकर के संदर्भ में अवगत किया । स्वामीजी के साथ आए भक्तों ने उनके संप्रदाय के कुछ बच्चों में भी दैवीय गुण होने की बात कही और जिज्ञासा के साथ यह पूछा कि क्या वे भी दैवीय बालक हो सकते हैं ? तथा ऐसे बच्चों को कैसे पहचाने ?, इस संदर्भ में प्रश्‍न पूछे ।

४. प.पू. स्वामीजी प्रतिदिन सनातन प्रभात का वाचन करते हैं । आश्रम के अवलोकन के समय उन्होंने रामनाथी आश्रम में आए दैवीय परिवर्तनों के संदर्भ में दैनिक सनातन प्रभात में पढने की बात कही ।

५. प.पू. स्वामीजी के फोंडा के भक्तों ने आश्रम के अवलोकन के पश्‍चात सभी साधकों के मुखपर आनंद एवं तेज होने की प्रतिक्रिया व्यक्त की ।

६. स्वामीजी के भक्तों ने आश्रम के विविध स्थानोंपर लगाए गए उद्बोधक फलकों की आग्रहपूर्वक मांग की ।

 

प.पू. स्वामीजी द्वारा सनातन संस्था के साधकों की की गई प्रशंसा !

पू. स्वामीजी को जब यह ज्ञात हुआ की बडी संख्या में साधक तन-मन-धन को त्यागकर आश्रम में रहकर निरंतररूप से धर्मप्रसार का कार्य कर रहे हैं, तब उन्होंने साधकों की प्रशंसा की । उन्होंने कहा, ‘‘यहां साधक अत्यंत विनम्रता से और अनुशासित पद्धति से सेवारत हैं । ऐसा दृश्य अन्यत्र कहीं देखने के लिए नहीं मिलता ।’’

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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