केपे (गोवा) : बेतुल, केपे (गोवा) के गणेशमूर्तिकार श्री. दत्ता जुवेकर ने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि सनातन संस्था द्वारा मूर्तिशास्त्र के संदर्भ में बताया जा रहा ज्ञान अत्यंत उपयुक्त है । श्री. दत्ता जुवेकर विगत ६ दशकों से गणेशमूर्तियां बनाने की सेवा कर रहे हैं । गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में सनातन प्रभात के प्रतिनिधि से संवाद करते हुए मूर्तिकार श्री. जुवेकर ऐसा बोल रहे थे । उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं १५ वर्ष की आयु से गणेशमूर्तियां बनाने की सेवा कर रहा हूं । श्री गणेशमूर्ति खडिया मिट्टी से ही बनानी आवश्यक है; क्योंकि मूर्तिपूजन के समय ऐसी मूर्ति में देवता का तत्त्व बडी मात्रा में आकर्षित होता है और विसर्जन के पश्चात वह पानी में तुरंत पिघलती है । उसके कारण मूर्ति में प्रदत्त गणेशतत्त्व वातावरण में फैलकर सभी को उसका लाभ मिलता है । इसके कारण मैं और अब मेरे बच्चे भी खडिया मिट्टी से ही गणेशमूर्ति बनाते हैं । हम प्रतिवर्ष लगभग २५० मूर्तियां बनाते हैं । आर्थिक लाभ हेतु प्लैस्टर ऑफ पैरिस और अन्य किसी भी प्रकार की मूर्तियां बनाकर उनका क्रय करने का मैं विरोधी हूं ।’’