१. बालों के मूल से समष्टि हेतु आवश्यक चैतन्य का प्रक्षेपण होना
संतों के चरणों से चैतन्य का सर्वाधिक प्रक्षेपण होता है । उसी प्रकार से अवतारी कार्य करनेवाले परात्पर गुरुदेवजी के सिर के बालों के मूल से समष्टि हेतु आवश्यक चैतन्य प्रक्षेपण होता है ।
२. चैतन्य प्रक्षेपण का बालों के आकारपर होनेवाला परिणाम
२ अ. बालों के अग्र बाहर दिखाई देना
बालों की यह स्थिति सूक्ष्म से युद्ध चलने की दर्शक है । परात्पर गुरु डॉक्टरजी द्वारा वातावरण में शरीर अथवा बालों के माध्यम से मारक शक्ति का प्रक्षेपण होता है । इस कार्य के प्रचालन के फलस्वरूप बालों के अग्र बाहर आए हुए दिखाई देता है । यह सूक्ष्म युद्ध निरंतर चलता रहता है । अतः बालों को उसके अनुरूप आकार प्राप्त होता है ।
२ आ. पिछली बाजू के बालों का मुड जाना
जैसे पानी का प्रवाह स्थिति के अनुसार मुडता है, उसी प्रकार से परात्पर गुरु डॉक्टरजी में विद्यमान चैतन्य के तारक अथवा मारक स्वरूप में आवश्यकता के अनुसार वातावरण में प्रक्षेपण होता है । यह प्रक्रिया निरंतर होने से बालों का यह मुडना प्रक्षेपित हो रही शक्ति के अनुरूप होता है । उसके कारण बालों को विशिष्ट अर्थात मुडाव के अनुसार आकार प्राप्त होता है ।
२ इ. बालों से ईश्वरीय शक्ति के प्रक्षेपण के समय बालों की स्थिति सर्वसामान्य न होने का कारण
परात्पर गुरु डॉक्टरजी के बालों से साधकों को शक्ति मिलना अथवा अनिष्ट शक्तियों के साथ होनेवाले सूक्ष्म के युद्ध के अनुसार तारक अथवा मारक शक्ति का प्रक्षेपण होता है । यह प्रक्षेपण अल्पाधिक मात्रा में अथवा दिशा के अनुसार होता है । जब यह शक्ति एक समान अनुपात में अथवा तारक स्वरूप में बालों के द्वारा प्रक्षेपित होती है, तब बालों के आकारपर उसका विशेष परिणाम दिखाई नहीं देता; किंतु जब सूक्ष्म युद्ध की तीव्रता के अनुसार ईश्वरीय शक्ति के प्रवाह में आ रहे बदलावों का परिणाम बालोंपर होता है । उक्त सूत्र निम्नांकित सूत्र आधारित है ।
बालों से तारक मार शक्ति का प्रक्षेपण > दिशा के अनुरूप शक्ति का प्रक्षेपण > सूक्ष्म युद्ध के अनुरूप शक्ति का प्रक्षेपण = बालों के आकार में बदलाव आना
२ ई. ईश्वरीय शक्ति के प्रक्षेपण से बालों की स्थूल रचना में बदलाव आने की प्रक्रिया
बालों से प्रक्षेपित होनेवाली अल्पाधिक शक्ति के कारण बालों को एक विशिष्ट अर्थात तात्कालीन आकार मिलता है । ऐसा जब निरंतर होता है, तब वह बालों का स्वभाव बन जाता है अर्थात बालों को दीर्घकालीन आकार प्राप्त होता है । इसमें ईश्वरीय शक्ति के कारण बालों के परमाणू-रेणुओं में बदलाव आता है । तत्पश्चात बालों के आकार में बदलाव आता रहता है । उक्त सूत्र निम्नांकित सूत्र आधारित है ।
बालों से प्रक्षेपित होनेवाली शक्ति > बालों को स्थिति प्राप्त होना (तात्कालीन आकार) > बालों का स्वभाव बन जाना (बालों के परमाणू-रेणुओं में बदलाव आना) > बालों को दीर्घकालीन आकार प्राप्त होना
३. सूक्ष्म प्रक्रिया का स्थूल परिणाम
सूक्ष्म प्रक्रिया का स्थूल परिणाम है परात्पर गुरु डॉक्टरजी के बालों द्वारा धारण किए गए विविध आकार !