महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग की प्रमुख तथा ज्योतिष फलित विशारद श्रीमती प्राजक्ता जोशी ने वर्ष २०१९ में आनेवाले गुरुपुष्यामृत योगों की बताई गई विशेषताएं यहां दे रहे हैं ।
१. गुरुपुष्यामृत्य क्या है ?
गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र आनेपर गुरुपुष्यामृत योग होता है । इस दिन सोना खरीदना और मंगलकार्य करने की परंपरा है ।
२. वर्ष २०१९ में आनेवाले गुरुपुष्यामृत योग
इस वर्ष ३ गुरुपुष्यामृत योग हैं । उनकी तिथियां और अवधि नीचे दी गई हैं ।
अ. ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष तृतीया (६.६.२०१९)
आ. आषाढ शुक्ल पक्ष द्वितीया (४.७.२०१९)
इ. आषाढ अमावस्या (१.८.२०१९) : सूर्योदय से लेकर दोपहर १२.१२ बजेतक
३. वर्ष २०१९ के गुरुपुष्यामृत की विशेषता !
इस वर्ष होनेवाले सभी गुरुपुष्यामृत योगों में गुरु ग्रह वक्री होगा । (ग्रह वक्री होने का अर्थ उसकी पिछली राशि में भ्रमण करना ।)
अ. ६.६.२०१९ को आनेवाला गुरुपुष्यामृत योग सूर्यास्त के पश्चात आरंभ होकर सूर्योदय को समाप्त होता है ।
आ. १.८.२०१९ को क्षयतिथि है, साथ ही अमावस्या तिथि है । सोना खरीदने हेतु जून और अगस्त मासों में आनेवाले गुरुपुष्यामृत्य विशेष फलदायक नहीं हैं ।
इ. जुलाई मास में आनेवाला गुरुपुष्यामृत अत्यंत शुभप्रद है ।
ये सभी गुरुपुष्यामृत योग साधना के लिए अनुकूल हैं; क्योंकि वो अमावस्या के निकट और अमावस्या को आते हैं । अमावस्या तथा पूर्णिमा के २ दिन पूर्व, उस दिन और उसके पश्चात के २ दिन आध्यात्मिक कष्ट होने की संभावना अधिक होती है । अतः साधक गुरुपुष्यामृत योगपर सोना खरीद की अपेक्षा अधिकाधिक साधना करें !