सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से
देशभर में ११२ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’ का आयोजन
गुरु-शिष्य परंपरा हिन्दुओं की लाखों वर्षों की संस्कृति की अद्वितीय परंपरा है । राष्ट्र और धर्म पर जब संकट मंडरा रहा हो, तब सुव्यवस्था बनाने का महत्कार्य गुरु-शिष्यों ने किया है, यह गौरवशाली इतिहास भारत को मिला हुआ है । भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन, आर्य चाणक्य ने सम्राट चंद्रगुप्त तथा समर्थ रामदासस्वामी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के माध्यम से तत्कालीन दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन किया तथा आदर्श धर्माधारित राज्यव्यवस्था की स्थापना की थी । ऐसी महान गुरुपरंपरा की विरासत की रक्षा करने तथा श्रीगुरु के चरणों में शरणागत भाव से कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है गुरुपूर्णिमा ! गुरुपूर्णिमा के दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की परंपरा अनादि काल से चल रही है । इसी उद्देश्य से सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति अन्य समवैचारिक संगठनों के साथ इस वर्ष देशभर में ११२ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’ का आयोजन कर रही है ।
इस महोत्सव में श्री व्यासपूजन और गुरुपूजन; ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए हिन्दू संगठनों का अद्वितीय कार्य’ और ‘परात्पर गुरु (डॉ.) जयंत आठवलेजी का अलौकिक कार्य’ इन विषयों पर लघु चलचित्र (वीडियो); समाजसेवी मान्यवरों का राष्ट्र और धर्म रक्षा संबंधी मार्गदर्शन तथा ‘धर्माधारित ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना की आवश्यकता और हिन्दुओं का योगदान’ इस विषय पर भी मार्गदर्शन किया जानेवाला है । इस महोत्सव द्वारा सनातन के ग्रंथों की प्रदर्शनी, राष्ट्र और धर्म जागृतिपर फलकों की प्रदर्शनी आदि का भी लाभ उठा पाएंगे ।
गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सम्मिलित होकर श्रीगुरु का आशीर्वाद मिलेगा तथा हिन्दुओं का संगठन भी होगा । सनातन संस्था ने आवाहन किया है कि गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सम्मिलित होकर गुरुपूर्णिमा के दिन अन्य दिनों की अपेक्षा एक सहस्र गुना अधिक कार्यरत गुरुतत्त्व का लाभ उठाने के लिए सर्व राष्ट्र और धर्म प्रेमी हिन्दू सपरिवार उपस्थित रहें ।
आपका नम्र,
सनातन संस्था के लिए