सनातन संस्था द्वारा संकट निवारण हेतु रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में बगलामुखी याग

हिमाचल प्रदेश के कांगडा में श्री बगलामुखी देवी के मूल स्थानपर भी याग संपन्न

सनातन आश्रम में बगलामुखी याग के समय किए गए पूजन के समय की गई रचना

सनातन आश्रम, रामनाथी (गोवा) : सनातन संस्था द्वारा ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष षष्ठी अर्थात २३ जून २०१९ को यहां बगलामुखी याग संपन्न हुआ । इस याग का पौराहित्य सनातन पुरोहित पाठशाला के ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त संचालक श्री. दामोदर वझेगुरुजी एवं पाठशाला के अन्य पुरोहितों ने किया ।

बाईं ओर से श्री. सिद्धेश करंदीकर, श्री. दामोदर वझेगुरुजी, श्री. ईशान जोशी, यज्ञ में पूर्णाहुति देते हुए श्री. अमर जोशी एवं सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी

श्रीगणेशजी एवं श्री बगलामुखी देवी से भावपूर्ण प्रार्थना कर याग का प्रारंभ किया गया । उसके पश्‍चात सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने याग का संकल्प लेकर श्री गणपतिपूजन किया । संकट निवारण हेतु किए गए याग में बगलामुखी ब्रह्मास्त्र मंत्र का उच्चारण कर आहुति दी गई । इस अवसरपर सनातन संस्था के सद्गुरु, संत एवं आश्रम के साधक उपस्थित थे ।

रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में जब याग चल रहा था, उसी समय श्री बगलामुखीदेवी के मूल स्थानपर अर्थात हिमाचल प्रदेश के कांगडा में भी सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की उपस्थिति में श्री बगलामुखी याग किया गया । इस याग से पहले वहां के मंदिर के पुरोहितों ने देवी का ३२ सहस्र जाप पूर्ण किया । इस याग का पौराहित्य मंदिर के ७ पुरोहितों ने किया ।

श्री बगलामुखी देवी का पूजन करती हुईं सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी, साथ में मंदिर के पुरोहित और साधक

इस मंदिर की महिला महंत ने बताया, ‘‘श्री बगलामुखीदेवी की आपपर सदैव कृपा है । आपका कार्य निर्विघ्नरूप से संपन्न होगा ।’’

बगलामुखी याग पूर्ण होनेपर वहां के पुरोहितों ने सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी से श्री हनुमान एवं श्री कालभैरव के चरणों में प्रार्थना करने के लिए कहा और बताया कि श्री हनुमानजी तथा श्री कालभैरव यज्ञ की रक्षा करते हैं । इसपर सद्गुरु (श्रीमती) गाडगीळजी ने बताया कि महर्षिजी ने सनातन आश्रम के यज्ञकुंड परिसर में श्री हनुमानी एवं श्री कालभैरव का छोटा देवालय (घुमटी) बनाने के लिए क्यों कहा, इसका रहस्यभेदन हुआ ।

 

रामनाश्री आश्रम में बगलामुखी याग के समय प्राप्त दैवीय प्रतितीयां

  • चैतन्यमय वातावरण में संपन्न इस याग का सूक्ष्म स्तरपर बडी मात्रा में परिणाम दिखाई दिया ।
  • पूजन का आरंभ होने से पूर्व बडी मात्रा में वर्षा हो रही थी । सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी द्वारा संकल्प तथा श्री गणेशपूजन किए जाने के पश्‍चात वर्षा रुक गई और संपूर्ण याग की अवधि में वर्षा नहीं हुई और याग पूर्ण होने के पश्‍चात पुनः वर्षा आरंभ हुई । इससे वरुण देवता ने भी याग हेतु सहायता की, यह ध्यान में आया ।
  • याग के समय यज्ञस्थलपर स्थित श्री हनुमानजी की घुमटी में लाल आभा फैल गई थी, ऐसा ध्यान में आया ।
  • याग के समय सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी का मुखमंडल सिंदूरी रंग का बन गया था ।
  • याग के समय गरमी होते हुए भी वहां मख्खियां आई थीं । उनमें से कई मख्खियां यज्ञकुण्ड से चिपक गई थी और उड नहीं रही थी । यज्ञस्थलपर उपस्थित संत पू. (डॉ.) मुकुल गाडगीळजी ने बताया कि देवी की शक्ति के कारण मख्खियों का स्तंभन हुआ है ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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