अत्यंत अल्प आहार लेने वाले और पिछले ४० वर्ष जलप्राशन किए
बिना ७८ वर्षीय प.पू. रामभाऊस्वामीजी के चिकित्सकीय परीक्षण की जानकारी और कुछ अनुत्तरित प्रश्न !
तमिलनाडू के तंजावुर स्थित ७८ वर्षीय परम पूजनीय रामभाऊस्वामीजी ने वर्ष १९७५ से जलप्राशन नहीं किया है । वर्ष १९७७ से वे केवल दो केले और एक प्याली दूध, दिन में केवल एक ही बार ले रहे हैं । ऐसा होते हुए भी वे पूर्णतः कार्यक्षम हैं । वर्ष २००० में उनकी ६३ वर्ष की अवस्था में रॅनबॅक्सी लॅब (Ranbaxy Labs) और कोलन लॅब्स (Cholan Labs) ने उनके चिकित्सकीय परीक्षण किए थे ।
चिकित्सकीय परीक्षण की जानकारी देखकर कुछ शोधकर्ताआें के मन में उठे प्रश्न
अ. अत्यंत अल्प आहार होते हुए भी परमपूजनीय रामभाऊस्वामीजी के रक्त में कोलेस्टेरॉल की मात्रा अधिक कैसे है ? क्या उनका शरीर स्वयं ही कोलेस्टेरॉल बनाता है ?
आ. यज्ञ के १ घंटे २० मिनट के पश्चात उनके शरीर का तापमान यज्ञ के पहले के तापमान की तुलना में २ अंश अधिक है । यज्ञाग्नि के संपर्क में रहते हुए उनके शरीर का तापमान कितना होगा ?
इ. वे जल के बिना और अत्यंत अल्प आहार पर इतने वर्ष कैसे जी सकते हैं ?
– श्री. रूपेश लक्ष्मण रेडकर, महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय, गोवा. (१७.१.२०१६)
आ. यज्ञ के १ घंटे २० मिनट के पश्चात उनके शरीर का तापमान यज्ञ के पहले के तापमान की तुलना में २ अंश अधिक है । यज्ञाग्नि के संपर्क में रहते हुए उनके शरीर का तापमान कितना होगा ?
इ. वे जल के बिना और अत्यंत अल्प आहार पर इतने वर्ष कैसे जी सकते हैं ?
– श्री. रूपेश लक्ष्मण रेडकर, महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय, गोवा. (१७.१.२०१६)
विश्वकल्याण, साधकों की रक्षा और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु यज्ञविधि करनेवाले महान योगी प.पू. रामभाऊस्वामीजी के चरणों में हम नतमस्तक हैं !