१. आश्रम में सकारात्मक ऊर्जा है तथा यहां आकर
साधना एवं सेवा करने की इच्छा है ! – अधिवक्ता विजयशेखर
‘अन्य स्थानों की तुलना में आश्रम का वातावरण बहुत ही अलग है । यहां शांति है । यहां बडी मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा है, जिसका कोई भी अनुभव कर सकता है । मैं इससे पहले २ बार आश्रम आया था; परंतु इस बार पूर्णकालीन साधकों की संख्या बढी है, ऐसा मेरे ध्यान में आया । इसका कारण यही है कि यहां आनेवाले किसी को भी ‘यहां से घर वापस न जाएं’, ऐसा ही लगता होगा ! अपनी साधना को बढाने की दृष्टि से यहां स्वच्छता, ठीकठाकपन आदि अनेक बाते सिखनेयोग्य हैं । आश्रम में आनेपर थकान दूर होकर बहुत उत्साह प्रतीत होता है । यहां मुझे परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कृपाशिर्वाद के तरंग प्रतीत होकर ऐसा लगा कि मुझे यहां आकर साधना और सेवा करनी है ।
– अधिवक्ता राजशेखर, यलहंका, बेंगलुरू, कर्नाटक (२६.५.२०१९)
२. आश्रम में स्वच्छता, अनुशासन और कार्यपद्धति उत्कृष्ट
होने से यहां सकारात्मक तरंग प्रतीत होते हैं ! – अधिवक्ता दत्तात्रेय देशपांडे
‘आश्रम का वातावरण शांत है और यहां सकारात्मक तरंग प्रतीत होते हैं । यह अनुभव अद्वितीय है । मैं आश्रम में पहली बार आया हूं; किंतु यह अनुभव विशेषतापूर्ण है । यहां की स्वच्छता, अनुशासन और कार्यपद्धति उत्कृष्ट हैं तथा अनुकरणीय है । यहां सिखनेयोग्य अनेक बाते हैं । यहां के साधकों द्वारा आश्रम से संबंधित प्रत्येक छोट-छोटी और महत्त्वपूर्ण बातों को उसकी पृष्ठभूमिसहित अच्छे प्रकार से बताई जाती हैं ।