‘अधिवक्ता अधिवेशन के लिए आए बेंगलुरू, कर्नाटक के मान्यवर अधिवक्ताओं द्वारा गोवा के रामनाथी आश्रम के अवलोकन के पश्‍चात व्यक्त अभिप्राय

१. आश्रम में सकारात्मक ऊर्जा है तथा यहां आकर
साधना एवं सेवा करने की इच्छा है ! – अधिवक्ता विजयशेखर

अधिवक्ता विजयशेखर

‘अन्य स्थानों की तुलना में आश्रम का वातावरण बहुत ही अलग है । यहां शांति है । यहां बडी मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा है, जिसका कोई भी अनुभव कर सकता है । मैं इससे पहले २ बार आश्रम आया था; परंतु इस बार पूर्णकालीन साधकों की संख्या बढी है, ऐसा मेरे ध्यान में आया । इसका कारण यही है कि यहां आनेवाले किसी को भी ‘यहां से घर वापस न जाएं’, ऐसा ही लगता होगा ! अपनी साधना को बढाने की दृष्टि से यहां स्वच्छता, ठीकठाकपन आदि अनेक बाते सिखनेयोग्य हैं । आश्रम में आनेपर थकान दूर होकर बहुत उत्साह प्रतीत होता है । यहां मुझे परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कृपाशिर्वाद के तरंग प्रतीत होकर ऐसा लगा कि मुझे यहां आकर साधना और सेवा करनी है ।

– अधिवक्ता राजशेखर, यलहंका, बेंगलुरू, कर्नाटक (२६.५.२०१९)

 

२. आश्रम में स्वच्छता, अनुशासन और कार्यपद्धति उत्कृष्ट
होने से यहां सकारात्मक तरंग प्रतीत होते हैं ! – अधिवक्ता दत्तात्रेय देशपांडे

‘आश्रम का वातावरण शांत है और यहां सकारात्मक तरंग प्रतीत होते हैं । यह अनुभव अद्वितीय है । मैं आश्रम में पहली बार आया हूं; किंतु यह अनुभव विशेषतापूर्ण है । यहां की स्वच्छता, अनुशासन और कार्यपद्धति उत्कृष्ट हैं तथा अनुकरणीय है । यहां सिखनेयोग्य अनेक बाते हैं । यहां के साधकों द्वारा आश्रम से संबंधित प्रत्येक छोट-छोटी और महत्त्वपूर्ण बातों को उसकी पृष्ठभूमिसहित अच्छे प्रकार से बताई जाती हैं ।

– अधिवक्ता दत्तात्रेय देशपांडे, बेंगलुरू, कर्नाटक (२६.५.२०१९)
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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