परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के ७७वें जन्मोत्सवके उपलक्ष्यमें उन्हें स्वास्थ्यपूर्ण दीर्घायु प्राप्त हो, सनातनके साधकोंकी रक्षा हो तथा हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाके कार्यमें उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों; इसके लिए सद्गुरुद्वयी द्वारा लिया गया संकल्प !
रामनाथी (गोवा) : परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीके ७७वें जन्मोत्सवके उपलक्ष्यमें रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में ५ मईसे धार्मिक विधियोंका प्रारंभ हो चुका है । इसके अंतर्गत अभीतक भृगु महर्षिजीकी आज्ञासे सौरयाग, ६ मई को मयन महर्षिकी आज्ञासे महाराजमातंगी याग तथा ७ मईको श्री सत्यनारायण पूजन किया गया । श्रीविष्णुजीके चरणकमलोंमें स्थित श्री महालक्ष्मीदेवी निरंतर विष्णुसेवामें व्यस्त रहकर श्रीविष्णुजी के कार्यको गति प्रदान करती है । श्री महालक्ष्मी देवीकी कृपादृष्टि प्राप्त होकर हिन्दू राष्ट्र की यथाशीघ्र स्थापना हो; इसके लिए ८ मईको लक्षकुमकुमअर्चना विधिकेअंतर्गत फिटकरीके श्री यंत्रपर श्री ललितात्रिपुरसुंदरी देवीका आवाहन कर पूजन किया गया । ९ मई को श्रीयंत्रपर लक्षकुमकुमार्चना की जाएगी ।
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीकी आध्यात्मिक उत्तराधिकारी सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजीने मयन महर्षिजीकी आज्ञाके अनुसार परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीको दीर्घायु प्राप्त हो, हिन्दू राष्ट्र स्थापनाके कार्य में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों, इसका संकल्प लिया । उपस्थित सभी साधकोंने फिटकरीसे बने श्रीयंत्रपर श्री ललितात्रिपुरसुंदरी देवीका आवाहन कर षोड्शोपचार पूजन किया गया । सनातन पुरोहित पाठशालाके संचालक एवं ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्री दामोदर वझेगुरुजी द्वारा किया गया भावपूर्ण मंत्रपठन एवं प्रत्यक्ष श्रीमहालक्ष्मीस्वरूप सद्गुरुद्वयियों द्वारा किए गए भावपूर्ण पूजनकेकारण पूजास्थलपर देवीके प्रत्यक्ष अस्तित्वका अनुभव किया ।