धुळे, १० अप्रैल (संवाददाता) : यहां के अगरवाल समुदाय बायोडाटा बैंक समिति की ओर से ३१ मार्च को ‘वैवाहिक समस्याएं’ विषयपर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के पहले सत्र में ‘युवक-युवतियां : अपेक्षाएं एवं वास्तविकता’ विषयपर सनातन संस्था की श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने मार्गदर्शन किया । दूसरे सत्र में ‘वैवाहिक समस्याएं : कारण एवं उपाय’ विषयपर श्री. जी.बी. मोदी, तो तीसरे सत्र में ‘विवाहविच्छेद : कारण एवं उपाय’ विषयपर अधिवक्ता श्री. राजेश अगरवाल ने मार्गदर्शन किया ।
‘युवक-युवतियां : अपेक्षा एवं वास्तव’ विषयपर बोलते हुए श्रीमती जुवेकर ने कहा, ‘‘पहले की भांति आज जब वयस्क लोग घर आते हैं, तब आज के युवक उनकी आस्थापूर्वक पूछताछ नहीं करते । छोटे बच्चे अपने अभिभावकों के पास जाते हैं, वह केवल भ्रमणभाष लेने हेतु ! परिवार का प्रत्येक सदस्य भ्रमणभाष के कारण व्यस्त रहते हैं । एक-दूसरे से खुले मन से संवाद नहीं होता । ऐसा ध्यान में आया है कि अमेरिका जैसे देश में प्रत्येक ५ व्यक्तियों में से एक व्यक्ति को मानसिक चिकित्सा की आवश्यकता होती है । आजकल ७वीं कक्षा की छात्रा भी तनाव में है । उच्चशिक्षित युवक साधारण कारण से आत्महत्याएं कर रहे हैं, तो कुछ बुरी आदतों के अधीन हो रहे हैं । विवाहसंस्कार तो धर्मशास्त्र में बताए गए १६ संस्कारों में से एक हैं; परंतु उसे धर्मशास्त्र के अनुसार संपन्न नहीं किया जाता । विवाह के समय मुहूर्त के समय की अनदेखी करना, अक्षताएं फेंकना, वरमाला पहनाते समय वधु को उठाना, पटाखें जलाना, डी.जे. के तालपर अश्लील अंगविक्षेप करना, भोजन की ओर ही ध्यान देना जैसे अनेक दुष्कृत्य किए जा रहे हैं । इसके फलस्वरूप नववधु-वर को देवताओं के आशीर्वाद नहीं मिलते । सुखी वैवाहिक जीवन हेतु विवाहसंस्कार का उचित प्रकार से होना अत्यंत आवश्यक है ।’’
वैवाहिक समस्याओंपर उपाय बताते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘‘विवाहविच्छेद के पीछे कई कारण हैं और उनमें से एक है पितृदोष ! उसे दूर करने हेतु ‘श्री गुरुदेव दत्त’, साथ ही कुलदेवता का नामजप करना चाहिए । आज प्रत्येक हिन्दू को धर्माचरण की आवश्यकता है, तभी जाकर यह संस्कृति टिक पाएगी ।’’
इस अवसरपर अगरवाल समुदाय का अध्यक्ष श्री. विनोदजी मित्तल, श्रीमती मीना मित्तल, शहा अगरवाल, दिनेश अगरवाल, श्रीकांत अगरवाल, सीताराम अगरवाल, गोवर्धन मोदी आदि उपस्थित थे ।