प्रयागराज (कुंभनगरी), २७ फरवरी (संवाददाता) : सनातन संस्था आज के समय में श्रद्धालुओ को धर्मशिक्षा देने का कार्य कर रही है । सरल भाषा में धर्मशिक्षा देना सनातन संस्था की विशेषता है । इसके लिए संस्था ने कुंभक्षेत्रपर धर्मशिक्षा प्रदर्शनी का आयोजन किया है । संस्था द्वारा प्रकाशित ग्रंथ सरल भाषा में धर्मशिक्षा देते हैं । वृंदावन के कथावाचक तथा श्रीजीबाबा के शिष्य श्री. रमाकांत गोस्वामी ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां के श्रीजीबाबानगर मंडप में कथावाचन के कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । इस कार्यक्रम में सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस को सम्मानित किया गया ।
भावपूर्ण गंगास्नान करें ! – श्री. चेतन राजहंस
इस अवसरपर धर्माचरण के विषय में श्रद्धालुओ का मार्गदर्शन करते हुए श्री. चेतन राजहंस ने कहा, ‘‘कुंभपर्व में गंगास्नान का विशेष महत्त्व है । पापों का परिमार्जन होना और पूर्वजों को मुक्ति मिलने हेतु गंगास्नान किया जाता है । हमारे द्वारा जो अनंत पापकर्म होते हैं, उसके प्रति मन को तीव्रता से खेद प्रतीत होना और उसके प्रति उन पापों के परिमार्जन हेतु देवनदी गंगाजी से प्रार्थना करना महत्त्वपूर्ण है । पापकर्मों के प्रति मन में खेद ही न हो, तो गंगाजी उनका परिमार्जन क्यों करेंगी ?’’ इसके साथ ही श्री. राजहंस ने धर्माचरण का महत्त्व, तिथि के अनुसार जन्मदिन कैसे मनाएं ?, देवालय में दर्शन कैसे करें ? आदि विषयोंपर श्रद्धालुओ का मार्गदर्शन किया ।