प्रयागराज में अर्धकुंभ मेला मकर संक्रांति (१५ जनवरी) से महाशिवरात्रि (४ मार्च) तक चलता रहेगा । अनुमान है कि इन ५० दिनों में १२ करोड श्रद्धालु कुंभस्नान करेंगे । कुंभमेले में गंगास्नान, सत्पात्र को दान, संतसंग, पितृतर्पण, कल्पवास व्रताचरण, अक्षयवट दर्शन इ. साधनाएं की जाती हैं । जिनमें धर्म के प्रति श्रद्धा है, वे कालानुसार साधना समझ सकें और हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृति हो, इसके लिए सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति मिलकर कार्य रही हैं ।
संकलनकर्ता – पूज्य नीलेश सिंगबाळ, उत्तर-पूर्व भारत मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति और श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था.
१. कुंभक्षेत्र में श्रद्धालुओ का धर्मप्रबोधन करनेवाली दो प्रदर्शनियों का आयोजन
१ अ. सनातन संस्था की ‘धर्मशिक्षा और राष्ट्र-धर्मरक्षा प्रदर्शनी’ !
कुंभक्षेत्र २५ कि.मी. फैला है । इसके हृदयस्थान संगमक्षेत्र के समीप स्थित मोरी मार्ग के पास ‘सनातन संस्था’ को स्थान मिलना, केवल गुरुकृपा थी । कुंभक्षेत्र में आनेवाले श्रद्धालुओ में ३० प्रतिशत लोगों को इस क्षेत्र से जाना पडता है । इस स्थान पर सभी शंकराचार्य, रामानंदाचार्य, दशनामी अखाडा और धर्मसम्राट करपात्री स्वामीजी के ‘धर्मसंघ’ जैसे बडे संगठनों के मंडप हैं । ठीक इसी पंक्ति में सनातन संस्था की ‘धर्मशिक्षा और राष्ट्र-धर्मरक्षा प्रदर्शनी’ स्थित है ।
इस प्रदर्शनी में गंगास्नान, धर्माचरण, देवताओ की उपासना, देवालय दर्शन, धार्मिक कृत्यों का अध्यात्मशास्त्र, साधना, गो-गंगा रक्षा, मंदिरों की पवित्रता की रक्षा, पाखंडी बाबाओ के विषय में प्रबोधन, सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन, क्रांतिकारियों का स्मरण, हिन्दू राष्ट्र-जागरण आदि के विषय में १०० से अधिक प्रबोधनकारी फलक लगाए गए हैं । इस प्रदर्शनी में सनातन निर्मित श्री गणेशमूर्ति आकर्षण का केंद्र बनी है । प्रदर्शनी देखनेवाले अनेक युवक श्री गणेशमूर्ति के साथ अपना छायाचित्र (सेल्फी) खींचते हैं । प्रदर्शनी के एक भाग में सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति, महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, उद्योगपति परिषद, आरोग्य सहायता समिति आदि के कार्यों की और इन संगठनों से जुडकर कार्य करने के विषय में जानकारी देनेवाली प्रदर्शनी लगी है । प्रदर्शनी में आए जिज्ञासुओ, मान्यवरों, संतों आदि से बात करने के लिए संवाद कक्ष स्थापित किया गया है । यहां सनातन के संत ऐसे लोगों से चर्चा करते हैं । प्रदर्शनी के ‘सीडी (दृश्य-श्रव्य चक्रिका) प्रसारण’ कक्ष में सनातन संस्था के कार्य की जानकारी से संबंधित चलचित्र (वीडियो) दिखाए जाते हैं ।
१ आ. हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित
‘कश्मीरी और बांग्लादेशी हिन्दुओ पर अत्याचारों की चित्र-प्रदर्शनी’ !
हरिद्वार स्थित भूमा-निकेतन पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी अच्युतानंद तीर्थ स्वामीजी ने वर्ष २०१३ में प्रयाग कुंभमेले में हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य देखा था । उन्होंने इस बार समिति की प्रदर्शनी के लिए ६० × ६० फुट भूमि उपलब्ध कराई है । यह स्थान भी संगमक्षेत्र के अत्यंत समीप और सनातन प्रदर्शनी से १५० फुट दूर है । इस स्थान पर हिन्दू जनजागृति समिति ने कश्मीरी और बांग्लादेशी हिन्दुओ पर हुए अत्याचारों की जानकारी देनेवाली चित्र-प्रदर्शनी लगाई है । वहां, समिति निर्मित ‘धर्मांतरण’, ‘सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन’, ‘शौर्यजागरण’ आदि विषयों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है । इसी स्थान पर, कश्मीरी हिन्दुओ पर हुए अगणित अत्याचारों का भीषण सत्य बतानेवाला चलचित्र, ‘…और विश्व मौन रहा !’, प्रोजेक्टर पर दिखाया जाता है । सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी भी यहीं है ।
२. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन करें !
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट) ने कुंभक्षेत्र में राष्ट्रीय ग्रंथ-प्रदर्शनी आयोजित की है । इसमें, सनातन की ग्रंथ-प्रदर्शनी भी है, जो २८ जनवरी से ११ फरवरी तक रहेगी । इस प्रदर्शनी में सनातन की सात्त्विक वस्तुएं भी खरीदने के लिए उपलब्ध हैं ।
३. सनातन के ग्रंथों की चल-प्रदर्शनी !
कुंभक्षेत्र में सनातन के ग्रंथों की चल-प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं । वहां कुछ साधक ‘ग्रंथों के वस्त्र-फलक’ पहनकर प्रचार करते हैं ।
४. संतों के करकमलों से अनेक ‘एप्स’ का लोकार्पण !
हाल ही में सनातन पंचांग का iOS प्रणाली में एप उपलब्ध हुआ है । इसमें, हिन्दी, गुजराती और अंग्रेजी भाषा के एप का लोकार्पण कुंभ में आए संत-महंतों के करकमलों से किया गया है
हिन्दू जनजागृति समिति के ‘कुंभ एप’ का लोकार्पण ज्योतिष और द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के करकमलों से हुआ है । इस अवसर पर सनातन संस्था की विवरणिका (जानकारी पुस्तक) का अवलोकन करते हुए शंकराचार्य ने कहा, ‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने बहुत महान कार्य किया है !’’ शंकराचार्य पद के व्यक्ति के ये उद्गार परात्पर गुरु की महिमा कह जाते हैं ।
५. हिन्दू राष्ट्र-संपर्क अभियान !
देशभर से आए संतों व आध्यात्मिक संस्थाओ आदि में हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृति होने के लिए सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ने संयुक्तरूप से ‘हिन्दू राष्ट्र-संपर्क अभियान’ आरंभ किया है ।
६. सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के
कार्यों की समाज को जानकारी देनेवाले संवाददाता सम्मेलन !
कुंभक्षेत्र में पहुंचने के पश्चात, संस्था और समिति के कार्य का व्यापक प्रचार होने के लिए प्रचार विभाग बनाया गया । इसका उद्देश्य, कुंभक्षेत्र में आए संवाददाताओ, पत्रकारों-संपादकों से मिलकर उन्हें सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य की जानकारी देना तथा प्रदर्शनी देखने के लिए आमंत्रित करना था । ३ दिन में ७० संवाददाताओ से मिलने के पश्चात हमने सनातन संस्था की प्रदर्शनी में संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया । इसमें ६८ संवाददाता उपस्थित थे । सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन में दोनों संस्थाओ के कुंभक्षेत्र में चल रहे और आगे होनेवाले उपक्रमों की जानकारी दी गई । अनेक दूरदर्शनवाहिनियों ने सनातन संस्था आयोजित प्रदर्शनी से संबंधित २-३ मिनट का सचित्र समाचार प्रसारित किया था ।
७. ‘कश्मीरी हिन्दू निर्वासित दिन’ पर जागृति संबंधी कार्यक्रम !
९० के दशक के आरंभ में साढे चार लाख कश्मीरी हिन्दुओ को अपने प्राण बचाने के लिए कश्मीर छोडना पडा था ।
१९ जनवरी १९९० को वहां से सर्वाधिक हिन्दुओ का निर्वासन हुआ था । इस दिन धर्मजागृति करने के उद्देश्य से समिति ने समविचारी संतों और हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए एक प्रबोधनात्मक कार्यक्रम का आयोजन ‘विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओ पर किए गए अत्याचारों का भीषण सत्य प्रस्तुत करनेवाली चित्र-प्रदर्शनी’ के स्थल पर ही किया था । इस कार्यक्रम के लिए यहां १० संत, १० संवाददाता, १५ हिन्दुत्वनिष्ठ तथा १५ श्रद्धालु, इस प्रकार कुल ५० लोग उपस्थित थे ।
८. ‘स्वच्छ कुंभ, सात्त्विक कुंभ’ अभियान !
‘स्वच्छ कुंभ’ अभियान के अंतर्गत उत्तरप्रदेश शासन ने अनेक अशासकीय संस्थाओ को इस अभियान से जुडने के लिए आवाहन किया था । इस दृष्टि से सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति, ‘स्वच्छ कुंभ, सात्त्विक कुंभ’ नाम से अभियान चला रही है । इस अभियान का स्वरूप वैचारिक है । कुंभक्षेत्र में ‘कुंभ’, ‘तीर्थ’, ‘गंगा’ और ‘मंदिरों’ की पवित्रता हेतु प्रबोधन के लिए हस्त-पत्रकों का वितरण किया जाता है । कुंभक्षेत्र में सरकार ने बनवाए शौचालय अस्वच्छ हैं । कुंभक्षेत्र के सेक्टर १५ में सनातन संस्था की प्रदर्शनी के पास बने कुछ शौचालय संस्था के साधकों ने इस अभियान के अंतर्गत स्वच्छ किए । इससे, सनातन की प्रदर्शनी में आनेवाले वृद्ध नागरिकों को सुविधा हुई ।
९. ध्वजारोहण समारोह और राजयोगी (शाही) स्नान के समय अखाडों का स्वागत !
वैष्णव अखाडों के ध्वजारोहण समारोह के समय सनातन के साधकों ने इन अखाडों के साधु-संतों का हार्दिक स्वागत किया था । मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा पर राजयोगी (शाही) स्नान के समय साधु-संतों तथा श्रद्धालुओ का हार्दिक स्वागत करनेवाले वस्त्रफलक सनातन संस्था ने संगमतीर्थ पर लगाए थे ।
१०. कुंभक्षेत्र में २ स्थानों पर ‘रामनाम संकीर्तन अभियान’ !
१० जनवरी को उच्चतम न्यायालय में राममंदिर प्रकरण की सुनवाई होनेवाली थी तब सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति ने कुंभक्षेत्र में ‘रामनाम संकीर्तन अभियान’ चलाया था । मकर संक्रांति के निमित्त संगमतीर्थ पर पवित्र स्नान के लिए आए ५० श्रद्धालुओ की उपस्थिति में यह अभियान चलाया गया ।
११. कुंभक्षेत्र में आगामी आयोजन !
कुंभक्षेत्र में चल रहेे संपर्क अभियान और प्रदर्शनी के माध्यम से समीप आए समविचारी संतों एवं हिन्दू संगठनों के लिए ‘हिन्दू राष्ट्र संगठन सम्मेलन’ का आयोजन ६ फरवरी को किया जाएगा, तथा समविचारी संतों के सहयोग से २ स्थानों पर संत-सम्मेलन किए जाएंगे ।
सनातन संस्था के ८० साधक कुंभक्षेत्र में धर्मप्रचार की सेवा अहर्निश कर रहे हैं । प्रत्येक के लिए यह मेला गुरुकार्य का महाकुंभ है । कुंभक्षेत्र में निवास करते समय प्रत्येक साधक के पास सर्वसामान्य श्रद्धालुओ की भांति गंगास्नान का, पापमुक्ति का, अक्षयवट के मोक्षदायी दर्शन का अवसर है; परंतु वे अपनी मुक्ति की चिंता न कर, भीषण ठंड में गुरु का समाजकार्य कर रहे हैं । गुरु का समाजकार्य, अर्थात ‘सनातन धर्म का विश्वव्यापी प्रचार और हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ है ! कुंभक्षेत्र में चलनेवाली यह समाजसेवा श्रीगुरु सफल बनाएं, यह प्रार्थना !