हिन्दू राष्ट्र स्थापना के उद्देश्य से संत एवं हिन्दुत्वनिष्ठ
संगठनों का प्रयागराज (कुंभनगरी) में हिन्दू अधिवेशन संपन्न !
प्रयागराज (कुंभनगरी) के भूमा निकेतन मंडप में ८ फरवरी को संतसमाज एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का एकदिवसीय हिन्दू अधिवेशन बडे उत्साह के साथ और भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । इस अधिवेशन में स्वामी अखंडानंददास महाराज ऐसा बोल रहे थे । इस अधिवेशन में संत-महंत, साधु और हिन्दुत्वनिष्ठोंसहित ९० लोग उपस्थित थे । अधिवेशन के प्रारंभ में वाराणसी के दुर्गाकुंड के श्री धर्मसंघ शिक्षा मंडल के वेदपाठशाला के छात्र बटू आदर्श तिवारी एवं अभिषेककुमार पांडे ने वेदमंत्रपठन किया ।
विशेषतापूर्ण सूत्र
१. हिन्दू राष्ट्र के विषयपर अधिवेशन के आयोजन के लिए
संतों द्वारा सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की प्रशंसा
इस हिन्दू अधिवेशन में अधिकांश संतों ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के विषयपर १ दिवसीय अधिवेशन के आयोजन के लिए सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की प्रशंसा कर शुभकामनाएं दीं । अधिवक्ता अरुणकुमार गुप्ता ने कहा कि सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु इस एकदिवसीय कुंभ में अधिवेशन के माध्यम से अमृत की एक बूंद से कार्य प्रारंभ किया है ।
२. अधिवेशन के माध्यम से शैव, वैष्णव जैसे सभी संप्रदाय और प्रांतों के संतों का त्रिवेणी संगम
हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु आयोजित एकदिवसीय अधिवेशन में शैव, वैष्णव और अन्य संप्रदायोंसहित विविध प्रांतों के संत-महंत और साधु बडी संख्या में उपस्थित थे । मानो जैसे इस अधिवेशन में गंगा, युमना और सरस्वती इन नदियों की भांति विविध साधु-संतों के त्रिवेणी संगम का दृश्य देखने को मिला । सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति इन संगठनों द्वारा बिना किसी भेदभाव से और किसी एक ही संप्रदाय को न मानकर सभी संप्रदाय और विविध प्रांतों के संतों को एक ही मंचपर लाए जाने के कारण सभी संतों ने आनंद व्यक्त कर इन दोनों संस्थाओ को आगे के कार्य के लिए तथा हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए शुभाशीर्वाद व्यक्त किए ।
३. इस कुंभपर्व का पहला और सभी राजनीतिक दलों की विचारधारा का सर्वसमावेश अधिवेशन
इस कुंभपर्व में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से कुंभनगरी में हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु इस प्रकार का पहला एकदिवसीय अधिवेशन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । यह अधिवेशन सभी राजनीतिक विचारधाराओ का सर्वसमावेशक अधिवेशन था ।
४. संत-महंतों का मार्गदर्शन
पाकव्याप्त कश्मीर का हिन्दुओ का शारदापीठ हिन्दुओ के लिए खोला जाए, इसके लिए संघर्ष करनेवाले सेवा शारदी पीठ के संस्थापक श्री. रवींद्र पंडिता ने अपने प्रयासों की जानकारी दी । बिकानेर के योगी हंसनाथसहित सभी संत-महंतों ने भी मार्गदर्शन किया ।